Google एक बार फिर से भारत में विवादों में आ गया है। टेक कंपनी पर इन-ऐप पेमेंट सिस्टम का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है। अमेरिकी कंपनी पर आरोप है कि उसने इन-ऐप पेमेंट सिस्टम की पॉलिसी का उल्लंघन किया है। भारतीय कम्पीटिशन वॉचडॉग CCI जल्द ही इस मामले में गूगल की जांच करेगा। गूगल पर यह आरोप लोकप्रिय मैच मेकिंग ऐप Tinder ने लगाया है। टिंडर के ऑनर मैच ग्रुप और भारतीय स्टार्टअप्स कंपनियों ने एजेंसी से गूगल के यूजर च्वॉइस बिलिंग (UCB) सिस्टम की जांच करने के लिए कहा है। इन कंपनियों का कहना है कि गूगल का यह सिस्टम एंटी कम्पीटिटिव है। Also Read - Google ने शुरू की AI बेस्ड सर्च इंजन की टेस्टिंग, रिलेवेंट सोर्स के साथ देता है सटीक रिजल्ट
जारी हुआ जांच ऑर्डर
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कम्पीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने शुक्रवार 12 मई को गूगल के खिलाफ जांच का ऑर्डर दिया है और कहा है कि यह एक ओपनियन है और जांच की जरूरत है। हालांकि, गूगल की तरफ से इस जांच ऑर्डर को लेकर कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है। गूगल के खिलाफ यह जांच प्राइवेटली करने के लिए कहा गया है। Also Read - Google ने पेश किए कई नए फीचर्स, Maps और लाइव कैप्शन में मिलेंगी नई सुविधाएं
पहले भी लग चुका है जुर्माना
इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में Google पर CCI ने 113 मिलियन डॉलर (लगभग 930 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगाया था। गूगल पर यह जुर्माना थर्ड पार्टी बिलिंग सिस्टम की वजह से ही लगा था, जिसमें ऐप डेवलपर्स को इन-ऐप पेमेंट सिस्टम इस्तेमाल करने से रोका जा रहा था और डेवलपर्स से 15 से 30 प्रतिशत तक कमीशन लिया जा रहा था। Also Read - Google Pixel यूजर्स को मिलेगी राहत, नए अपडेट के साथ बैटरी ड्रेन समस्या हुई फिक्स!
फाइन लगने के बाद गूगल ने बाद में USB ऑफर करना शुरू कर दिया, जिसमें यूजर गूगल के अलावा अल्टर्नेटिव पेमेंट सिस्टम चुन सकते थे। हालांकि, नए सिस्टम को लेकर भी कुछ शिकायतें CCI को मिल रही है, जिसमें गूगल द्वारा 11 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक कमीशन लिया जा रहा है।
चार महीने में देना होगा जबाब
Tinder की पैरैंट कंपनी और अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन ने CCI से आग्रह किया है कि गूगल ने एंटीट्रस्ट डायरेक्टिव्स का पालन नहीं किया है। इस संबंध में CCI ने गूगल से कहा कि अपने इन-ऐप पेमेंट सिस्टम के प्रोविजन्स को विस्तार से समझाएं और यूजर और ऐप डेवलपर्स के डेटा शेयरिंग की पॉलिसी के बारे में भी जानकारी प्रदान करें। इस आदेश में गूगल को जबाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।