
Deepfake वीडियो की वजह से फ्रॉड का मामला सामने आया है। पिछले कुछ दिनों से AI बेस्ड डीपफेक सुर्खियों में है। बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना और आलिया भट्ट के डीपफेक वीडियो की वजह से बड़ा विवाद हुआ था। केन्द्र सरकार ने डीपफेक पर लगाम लगाने के लिए रूल सेवन ऑफिसर नियुक्त करने की भी बात कही थी। इसके अलावा ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने की बात कही थी, जिसकी मदद से डीपफेक के शिकार लोगों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में डीपफेक वीडियो के जरिए बुजुर्गों से ठगी करने का मामला सामने आया है।
साइबर अपराधी लोगों को लगातार नए तरीकों से लूट रहे हैं। कभी बैंक एजेंट, कभी डिलीवरी बॉय तो कभी किसी तरीके से लोगों के साथ ठगी की जा रही है। इन साइबर अपराधियों ने अब AI बेस्ड डीपफेक का सहारा लेकर ठगी को अंजाम दिया है। इन अपराधियों ने लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए पुलिस अधिकारियों का चेहरा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है,ताकि लोगों को डराया जा सके। गाजियाबाद में साइबर अपराधी डीपफेक वीडियो कॉल करके एक बुजुर्ग के साथ ठगी की है। साइबर अपराधी ने इसके लिए यूपी के पूर्व IAS ऑफिसर एडीजी प्रेम प्रकाश का चेहरा इस्तेमाल करके वीडियो कॉल किया और इस ठगी को अंजाम दिया है।
साइबर अपराधियों ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हरसांव में रहने वाली मोनिका के पिता को डीपफेक वीडियो कॉल के जरिए दो दिन में 74 हजार रुपये का चूना लगाया है। वीडियो कॉल के दौरान साइबर अपराधी खुद को द्वारका का एसपी बताता है। वीडियो कॉल में धमकाते हुए 74 हजार रुपये राजू नाम के व्यक्ति के अकाउंट में ट्रांसफर कराए हैं। मोनिका ने इस मामले की जानकारी अपने परिचित वकील को दी और साइबर अपराधी द्वारा डीपफेक वीडियो कॉल करने पर उसे रिकॉर्ड किया और शिकायत दर्ज कराई।
डीपफेक वीडियो के जरिए ठगी करने का देश में पहला मामला है। इसलिए, आने वाले समय में डीपफेक लोगों के लिए मुसीबत बन सकता है। पिछले दिनों पीएम मोदी ने भी AI बेस्ड डीपफेक पर चिंता जताया था और कहा था कि इसके बारे में लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है। इसके बाद ही इन फर्जी वीडियो पर लगाम लगाया जा सकेगा।
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