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Chandrayaan-3: चांद पर फिर से उतरा विक्रम लैंडर, ISRO ने किया खास एक्सपेरिमेंट

Chandrayaan 3 का विक्रम लैंडर दोबारा से चांद की सतह पर उतरा है। ISRO ने ट्वीट (X पोस्ट) के जरिए यह बताया है। विक्रम लैंडर को चांद की सतह से उड़ाकर फिर से उतारा गया है।

Edited By: Harshit Harsh

Published: Sep 04, 2023, 12:08 PM IST

Chandrayaan-3 was successfully landed on the moon last month.
Chandrayaan-3 was successfully landed on the moon last month.

Story Highlights

  • चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर दोबारा चांद की सतह पर उतरा है।
  • इसरो ने खास एक्सपेरिमेंट करने के लिए विक्रम लैंडर को चांद पर उतारा है।
  • इससे पहले प्रज्ञान रोवर अगले 14 दिनों के लिए सो गया है।

Chandrayaan-3: ISRO ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को दोबारा चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंड कराया है। इसरो ने विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का नया वीडियो जारी किया है। इसरो ने विक्रम लैंडर को अपनी जगह यानी शिवशक्ति प्वाइंट से 30-40cm दूर दोबारा सॉफ्ट लैंड करवाया है। इसरो ने बताया कि यह विक्रम के मिशन का एक हिस्सा था, जिसके तहद हॉप एक्सपेरिमेंट (Hop Experiment) किया गया। इसरो ने कमांड के जरिए विक्रम लैंडर के इंजन को दोबारा स्टार्ट किया और इसे करीब 40 सेंटीमीटर दूर दोबारा लैंड करवाया। इसरो ने भविष्य के ह्यूमन मिशन को ध्यान में रखते हुए यह एक्सपेरिमेंट किया है।

ISRO ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को 23 अगस्त की शाम 6:04 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब उतारकर इतिहास रचा था। भारत दुनिया की एकमात्र देश है, जो चांद के दक्षिणी ध्रुव के इतना करीब पहुंचा है। इससे पहले Luna-25 समेत कई मिशन फेल हो चुके हैं। इसरो ने अपने X पोस्ट में बताया है कि दोबारा सॉफ्ट लैंड करने के बाद विक्रम लैंडर के सभी सिस्टम सही से काम कर रहे हैं। इसके रैंप, ChaSTE और ILSA को फोल्ड कर दिया गया और एक्सपेरिमेंट को डिप्लॉय किया गया है।

सो गया प्रज्ञान रोवर

इससे पहले ISRO ने प्रज्ञान रोवर के बारे में अपडेट देते हुए कहा है कि रोवर ने चांद की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है। अब वह अगले 15 दिनों के लिए स्लीप मोड में चला जाएगा। इसके APXS और LIBS पेलोड्स को ऑफ कर दिया गया है। प्रज्ञान रोवर के पेलोड्स से सभी डेटा को इसरो ने विक्रम लैंडर के जरिए ट्रांसफर कर लिया है।

23 अगस्त की देर रात प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर अपना एक्सपेरिमेंट शुरू किया था। इसरो का कहना है कि प्रज्ञान रोवर की बैटरी फुल चार्ज है। इसके सोलर पैनल को दोबारा 22 सितंबर को रोशनी मिलेगी। चांद का एक लूनर डे 14 दिनों का होता है, इसके बाद फिर 14 दिनों की रात हो जाती है। रात के दौरान चांद की सतह का तापमान माइनस 200 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो जाता है।

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Author Name | Harshit Harsh

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