
Apple iPhone, iPad और दूसरे Apple प्रोडक्ट्स में Safari ब्राउजर पहले से इंस्टॉल मिलता है। इसे दुनिया भर में सबसे बेहतर वेब ब्राउजर्स में से एक माना जाता है। हालांकि Google Chrome या Microsoft Edge की तुलना में Apple Safari की बाजार में हिस्सेदारी काफी कम है, फिर भी इसके लाखों यूजर हैं। परेशानी की बात यह कि इन एप्पल सफारी यूजर्स का एक बड़ा हिस्सा अब खतरे में है।
Cyber क्रिमिनल एप्पल यूजर्स को टारगेट बना रहे हैं जो iOS डिवाइस में खोजी गई नई खामियों का आसानी से फायदा उठा सकते हैं। जैसा कि ब्राउजर हमारी ज्यादातर पर्सनल डिटेल स्टोर करते हैं, Apple समय-समय पर अपने ब्राउजर के लिए सेफ्टी अपडेट जारी करता है। Apple यूजर्स को अपने ऐप्स के लेटेस्ट वर्जन को चलाने की सलाह देता है, कुछ यूजर इस्तेमाल में आसानी के लिए ऐप्स के पुराने वर्जन को चलाने का विकल्प चुनते हैं। हालांकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए है कि पुराने वर्जन के ऐप्स को हैक करना या इसका फायदा उठाना आसान है। ऐसी ही खामी Apple Safari ब्राउजर में देखी गई है और भारत सरकार ने Apple Mac यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री के तहत इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (CERT-In) ने खुलासा किया है कि Apple Safari में एक बग का पता चला है जो लोकल अटैकर को टारगेट सिस्टम पर मनमाना कोड एग्जीक्यूट करने की इजाजत दे सकती है। यह खामी 16.3 से पहले के Apple सफारी वर्जन वाले Apple macOS Big Sur और macOS Monterey यूजर्स को प्रभावित करेगी।
CERT-In के मुताबिक, वेबकिट कंपोनेंट में एक कन्फ्यूजन एरर के कारण एप्पल सफारी में यह बग मौजूद है। इसकी वजह से अटैकर विक्टिम को खास तरीके से तैयार की गई फाइल या एप्लिकेशन खोलने के लिए उकसा कर इसका फायदा उठा सकता है। इस बग के जरिए अटैकर टारगेट सिस्टम पर मनमाना कोड चला सकता है।
किसी भी तरह की ठगी से बचने के लिए यूजर्स को लेटेस्ट सॉफ्टवेयर अपडेट्स को लागू करना चाहिए। आपके iOS वर्जन और ऐप्स को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट रखना चाहिए।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Swati Jha
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