
BGMI (Battlegrounds Mobile India) में Crate Opening यानी क्रेट खोलना हर प्लेयर के लिए एक मजेदार एक्सपीरियंस होता है। लेकिन कई बार यह निराशाजनक भी हो जाता है, जब बार-बार UC खर्च करने के बाद भी मनचाहा Legendary या Mythic आइटम नहीं मिलता। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्रेट कब खोलें, कौन-सी ट्रिक्स अपनाएं और UC कैसे बचाएं। आइए जानते हैं कुछ नई स्ट्रैटेजी और ट्रिक्स, जिनसे आप अपने Legendary ड्रॉप्स के चांस को बढ़ा सकते हैं।
कई प्रो प्लेयर्स और यूट्यूबर्स का दावा है कि सुबह के वक्त क्रेट खोलने से बेहतर ड्रॉप मिलने की संभावना ज्यादा होती है। आमतौर पर सुबह 5 बजे से 8 बजे तक का समय सबसे बेहतर माना जाता है। इस समय BGMI सर्वर पर कम एक्टिविटी रहती है, जिससे सिस्टम के ड्रॉप एल्गोरिदम में कम भीड़ के चलते अच्छे आइटम्स मिलने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि यह तरीका 100% गारंटी नहीं देता, लेकिन कई खिलाड़ियों को इस समय पर Mythic या Legendary स्किन्स मिल चुकी हैं।
क्रेट खोलते समय Skip बटन का इस्तेमाल करने को BGMI कम्युनिटी में ‘Skip Trick’ कहा जाता है। इसके तहत जैसे ही आप क्रेट खोलते हैं, तुरंत Skip बटन पर टैप कर देते हैं ताकि पूरी एनिमेशन न देखनी पड़े। कहा जाता है कि इससे लो-टियर आइटम की एनिमेशन स्किप हो जाती है और हाई-टियर आइटम मिलने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि यह कोई ऑफिशियल ट्रिक नहीं है, लेकिन बहुत से हाई-रैंक प्लेयर्स इस ट्रिक का इस्तेमाल करते हैं और इसे फायदेमंद मानते हैं।
अगर आप सीधे 540 UC के 10-ड्रा पर जाना चाहते हैं, तो एक बार 10 UC वाले सिंगल ड्रॉ से शुरुआत करना बेहतर होता है। इस ट्रिक को ‘Warm-up Method’ कहा जाता है। अगर आपको पहले एक या दो ट्राय में Rare या Epic आइटम मिलते हैं, तो इसका मतलब है कि आपका Drop Rate उस वक्त अच्छा चल रहा है और तब आप 10-ड्रा ट्राई कर सकते हैं। इससे आप बेवजह UC खर्च करने से बच सकते हैं और बेहतर आइटम पाने के चांस बढ़ जाते हैं।
क्रेट खोलने का कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं होता क्योंकि यह पूरी तरह से प्रॉबेबिलिटी पर आधारित है। लेकिन सही टाइमिंग, स्मार्ट ट्रिक्स और सीमित UC में भी आप अच्छी लूट हासिल कर सकते हैं। हमेशा यह ध्यान रखें कि ज्यादा खर्च करने की जगह समझदारी से खर्च करें। हर बार Mythic आइटम नहीं मिलेगा, लेकिन सही स्ट्रैटेजी अपनाकर आपको Rare और Legendary स्किन्स हासिल करने में जरूर मदद मिलेगी।
Author Name | Ashutosh Ojha
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