Written By Ajay Verma
Published By: Ajay Verma | Published: Jul 08, 2023, 01:28 PM (IST)
अमेरिकन टेक कंपनी एप्पल (Apple) ने यूजर्स की शिकायतों को ध्यान में रखकर ऐप स्टोर (App Store) से लोन देने वाले मोबाइल ऐप को हटा दिया है। इन एप्लिकेशन पर हाई फीस चार्ज करने से लेकर पैसे वापस लौटाने के लिए धमकी देने तक का आरोप लगा है। बता दें कि कंपनी ने इससे पहले अपने प्लेटफॉर्म से 1474 ऐप्स को हटाया था। और पढें: iOS 27: कब आएगा ये अपडेट और AI से लेकर UI तक इस बार क्या-क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव, जानिए सब कुछ
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया कि एप्पल को White Kash, Pocket Kash और Golden Kash जैसे लोन ऐप के खिलाफ शिकायत मिली थी। जांच करने पर पता चला कि इन लोन देने वाले ऐप्स ने यूजर्स की कॉन्टैक्ट लिस्ट व मीडिया को एक्सेस किया और यूजर्स से अधिक चार्ज वसूला। साथ ही, पैसे लौटाने के लिए धमकाया भी। इन ऐप्स ने नियमों का भी उल्लघंन किया। इस वजह से अब लोन ऐप्स को प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है। और पढें: Android से iPhone में फोटो-वीडियो कर सकेंगे AirDrop, सबसे पहले इन यूजर्स को मिला फीचर
एप्पल का कहना है कि ऐप स्टोर और ऐप रिव्यू गाइडलाइन को इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे यूजर्स को सेफेस्ट प्लेटफॉर्म मिलें। हमने जिन लोन देने वाले एप्लिकेशन को हटाया है, उन ऐप्स ने Apple Developer Program License Agreement और उसकी गाइडलाइन का उल्लघंन किया है। इन ऐप्स ने अपने आप को वित्तीय संस्थान के रूप में भी पेश किया था, जिससे यूजर्स को भरोसा हो जाए कि ये ऑथेंटिक हैं। और पढें: Apple's App Store Awards 2025 के फाइनलिस्ट का हुआ ऐलान, लिस्ट में ये गेम्स और ऐप शामिल
एप्पल (Apple) ने पिछले साल यानी 2022 में लोन ऐप के जरिए होने वाली 2 बिलियन डॉलर से अधिक के धोखाधड़ी को रोका। साथ ही, 1.7 मिलियन ऐप सबमिशन को खारिज किया। यही नहीं 4,28,000 डेवलपर अकाउंट को भी बैन किया, जो कंपनी के गुणवत्ता और सुरक्षा स्टैंडर्ड को पूरा नहीं कर पाए थे।
एप्पल के अलावा केंद्र सरकार ने भी इस साल की शुरुआत में 138 सट्टेबाजी ऐप्स (betting apps) और 94 लोन देने वाले ऐप्स (loan lending apps) को बैन किया था। इन ऐप्स पर यूजर का डेटा चोरी करके चीन भेजने का आरोप लगा था। रिपोर्ट में बताया गया कि इन ऐप्स को आईटी अधिनियम धारा 69 के तहत हटाया गया था। इन ऐप्स को चीनी नागरिकों ने बनाया था।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि लोन देने वाले ऐप्स की छह महीने तक जांच चली और पाया गया कि ये लोगों लोन देकर दोगुनी राशि वसुल रहे थे। जो व्यक्ति लोन वापस करने में असमर्थ था, उन्हें अलग-अलग तरीकों से धमकाया जा रहा था।