
भारत सरकार (Indian Government) ने 5G स्मार्टफोन को लेकर अहम फैसला लिया है। देश में लॉन्च होने वाले सभी 5G स्मार्टफोन में कंपनियों को मेड इन इंडिया (Made In India) नेविगेशन सिस्टम NavIC का सपोर्ट देना होगा। इसके लिए NavIC चिसपेट का इस्तेमाल करना होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि NavIC का पूरा नाम Navigation with Indian Constellation है। इसे इसरो ने तैयार किया है। इस नेविगेशन सिस्टम को साल 2018 में पेश किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने गुरुवार को कहा कि स्मार्टफोन कंपनियों को 1 जनवरी 2025 से NavIC का सपोर्ट देना होगा, जबकि L1 बैंड में काम करने वाले अन्य फोन, जो इस वक्त ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस पर काम करते हैं। उन डिवाइस में 1 दिसंबर 2025 तक इंडियन नेविगेशन का सपोर्ट देना अनिवार्य होगा। सरकार का मानना है कि इससे स्वदेशी सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में नाविक नेविगेशन का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल्स में किया जा रहा है।
डिवाइस मेकर्स ने सरकार के इस फैसले को लेकर चिंता जताई है। मेकर्स का कहना है कि स्मार्टफोन में NavIC का सपोर्ट देने से मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ सकती है, जिससे डिवाइस महंगे हो जाएंगे। हालांकि, केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसको लेकर कोई बयान नहीं दिया है। मगर उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि स्मार्टफोन में नाविक का सपोर्ट देने का मतलब केवल एकमात्र नाविक नहीं है।
एप्पल (Apple) पहला ब्रांड है, जिसने अपने लेटेस्ट iPhone 15 Pro और iPhone 15 Pro Max में भारतीय नेविगेशन सिस्टम NavIC का सपोर्ट दिया है। यह सिस्टम अमेरिका व रूस के ग्लोनेस सिस्टम की तरह काम करता है। इसके लिए आठ सैटेलाइट को अंतरिक्षक में भेजा गया है, जिससे 1500 किलोमीटर तक नेविगेशन मैप मिलता है। इस उपलब्धि पर भारत सरकार के साथ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खुशी जताई है।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Ajay Verma
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