Published By: Harshit Harsh | Published: Feb 10, 2023, 08:16 AM (IST)
Google Doodle Today: टेक कंपनी और दुनिया का सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल हर खास मौके पर डिजिटल डूडल बनाता है। गूगल का यह डूडल गूगल सर्च के होम पेज पर दिखता है। कई बार गूगल के डूडल में एनिमेशन का इस्तेमाल होता है, वहीं कई बार बिना एनिमेशन के डूडल बनाया जाता है। गूगल के इस डूडल पर क्लिक करने पर आपको किसी शख्य, घटना आदि के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त होती है। गूगल इसके जरिए खास शख्सियत के साथ-साथ इतिहास की घटना, त्योहार आदि के बारे में यूजर्स को जानकारी देता है। और पढें: Google 27th Birthday: गूगल आज मना रहा 27वां जन्मदिन, खास अवसर पर बनाया Nostalgic डूडल
गूगल ने आज के डूडल में मलयाली एक्ट्रेस P K Rosy को फीचर किया है। गूगल के आज बनाए गए डूडल में एक्ट्रेस का कैरीकेचर सेंटर में दिया गया है। इसके साथ पीछे Google लिखा है, जिसके चारों और फूल-पत्तियां देखी जा सकती है। ब्लू बैकग्राउंड की वजह से गूगल का यह डूडल देखने में अच्छा लग रहा है। और पढें: International Women’s Day पर बना खास Google Doodle, ऐसे दिया महिलाओं को सलाम
मलायली एक्ट्रेस P K Rosy को राजम्मा, रोजम्मा और राजाम्मल भी कहा जाता है। इनका जन्म आज के दिन यानी 10 फरवरी 1903 को त्रिवेंद्रम (तिरूवनंतपुरम) में हुआ था। पी के रोजी मलयाली सिनेमा की पहली अभिनेत्री है, जिन्होंने जे सी डेनियल द्वारा निर्देशत फिल्म विगतकुमारन (द लोस्ट चाइल्ड) में काम किया था। और पढें: Independence Day Google Doodle: आजादी के रंग में रंगा आज का गूगल, बनाया अनोखे थीम का डूडल
P K Rosy के बचपन का नाम राजम्मा था। उनका जन्म 1903 में नंदनकोडे, त्रिवेंद्रम के पुलाया परिवार में हुआ था। उनके मात-पिता का नाम पॉलोज और कुंजी था। उनके पिता का देहांत बचपन में ही हो गया था, जिसके बाद पी के रोजी अपने रिश्तेदारों के पास रह रही थी। बचपन में उनकी रूचि कविताओं में थी और शुरुआत में घास काटने का काम करती थी। हालांकि, इस दौरान उनका झुकाव आर्ट्स (कला) की तरफ हुआ और वो अभिनय और संगीत की शिक्षा लेने लगी। शुरुआती दिनों में उन्होंने तमिल और मलयालम के नई नाटकों में काम किया था।
1928 में उन्होंने जे सी डेनियल की मूवी में सरोजनी का किरदार किया था, जो कि एक नैयर महिला था। फिल्म की रिलीज के समय कई नैयर परिवारों ने इस फिल्म का विरोध भी किया था, क्योंकि रोजी एक दलित परिवार से आती थी। एक दलित महिला को ऊंची जाति यानी नैयर महिला का किरदार करने पर लोगों ने विरोध किया था और इनके घर में आग लगा दिया गया था। इस फिल्म की कहानी को पहली बार 1960 में गोपालकृष्णनन द्वारा दोबारा प्रस्तुत किया गया। 1971 में कुन्नुकुजी ने पी के रोजी के बारे में पहला आर्टिकल पब्लिश किया था। आज यानी 10 फरवरी 2023 को पी के रोजी की 120वीं जयंती है, जिसपर टेक कंपनी गूगल ने यह डूडल उनको समर्पित किया है।