
G20 Summit 2023: भारत की राजधानी दिल्ली में 9 सितंबर यानी आज से जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गया है। यह सम्मेलन 10 सितंबर तक जारी रहेगा। इस इवेंट के लिए तैयारियां महीनों पहले ही शुरू कर दी गई थी। केवल दिल्ली की सजावट ही नहीं बल्कि डिजिटल इंडिया के इस दौर में इवेंट के दौरान साइबर हमलों के लिए भी भारत ने कमर कस ली है। साइबर सुरक्षा को लेकर पूरी सख्ती बरती जा रही है। भारतीय सुरक्षा एजेंसी जैसे CERT-IN (Computer Emergency Response Team of India) और Defense Research and Development (DRDO) के साइबर विंग ने सम्मेलन के दौरान साइबर अटैक को रोकने के लिए कई पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। यहां जानें डिटेल।
G20 Summit 2023 के दौरान सभी वैन्यू पर जीरो ट्रस्ट पॉलिसी लागू कर दी गई है। यह एक तरह का टाइट सिक्योरिटी मॉडल है। इस मॉडल के तहत प्राइवेट नेटवर्क के तहत कोई भी यूजर व डिवाइस यदि नेटवर्क को एक्सेस करना चाहेगा, तो उसे मजबूत ऑथेंटिकेशन वेरिफिकेशन व ऑथराइजेशन से होकर गुजरना पड़ेगा। यह नियम नेटवर्क के बाहर व नेटवर्क एक्सेस हासिल कर चुके दोनों ही यूजर्स पर लागू होगा। इसमें किसी भी यूजर व डिवाइस को विश्वसनीय नहीं माना जाता।
समिट वैन्यू से लेकर विदेशी मेहमान जिन होटलों में ठहर रहे हैं, उनकी वाई-फाई सिक्योरिटी को भी टाइट कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने होटल मैनेजमेंट को आदेश दिए हैं कि वह वाई-फाई कनेक्शन की संख्या को सीमित करें। इसके साथ ही उन्हें अनथॉराइज एक्सेस पर नजर रखने को भी कहा गया है।
इतना ही नहीं होटल को उन सभी राउटर्स और पोर्ट्स को डिसेबल करने का आदेश दिया है, जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। 28 होटर्स का सिक्योरिटी ऑडिट किया जा चुका है। इसके अलावा, वैन्यू पर किसी भी बाहरी डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट नहीं किया जा सकेगा।
CERT-IN और DRDO जैसी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी साइबर अटैक को विफल करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी व टूल्स के साथ तैयार हैं। सभी हैकर्स ग्रुप्स और उनकी एक्टिविटी पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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