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G20 Summit 2023 के दौरान साइबर सुरक्षा सख्त, जानें क्या है सरकार की तैयारी

G20 समिट 2023 साइबर हमलों से कोसो दूर रहे, इसके लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है। Zero-trust पॉलिसी से लेकर वाई-फाई सेफ्टी तक, कई सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। यहां जानें डिटेल।

Edited By: Manisha | Published By: Manisha | Published: Sep 07, 2023, 06:37 PM (IST)

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Highlights

  • G20 समिट 9 सितंबर से हो रही है शुरू
  • देश की राजधानी में आयोजित होगा सम्मेलन
  • सम्मेलन के दौरान साइबर सुरक्षा होगी सख्त
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G20 Summit 2023: भारत की राजधानी दिल्ली में 9 सितंबर यानी आज से जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गया है। यह सम्मेलन 10 सितंबर तक जारी रहेगा। इस इवेंट के लिए तैयारियां महीनों पहले ही शुरू कर दी गई थी। केवल दिल्ली की सजावट ही नहीं बल्कि डिजिटल इंडिया के इस दौर में इवेंट के दौरान साइबर हमलों के लिए भी भारत ने कमर कस ली है। साइबर सुरक्षा को लेकर पूरी सख्ती बरती जा रही है। भारतीय सुरक्षा एजेंसी जैसे CERT-IN (Computer Emergency Response Team of India) और Defense Research and Development (DRDO) के साइबर विंग ने सम्मेलन के दौरान साइबर अटैक को रोकने के लिए कई पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। यहां जानें डिटेल। news और पढें: G20 समिट का समापन, नवंबर में होगा वर्चुअल आयोजन

Zero-trust पॉलिसी हुई लागू

G20 Summit 2023 के दौरान सभी वैन्यू पर जीरो ट्रस्ट पॉलिसी लागू कर दी गई है। यह एक तरह का टाइट सिक्योरिटी मॉडल है। इस मॉडल के तहत प्राइवेट नेटवर्क के तहत कोई भी यूजर व डिवाइस यदि नेटवर्क को एक्सेस करना चाहेगा, तो उसे मजबूत ऑथेंटिकेशन वेरिफिकेशन व ऑथराइजेशन से होकर गुजरना पड़ेगा। यह नियम नेटवर्क के बाहर व नेटवर्क एक्सेस हासिल कर चुके दोनों ही यूजर्स पर लागू होगा। इसमें किसी भी यूजर व डिवाइस को विश्वसनीय नहीं माना जाता। news और पढें: G20 Summit 2023: क्रिप्टो से लेकर पर्सनल डेटा सुरक्षा तक, इन बड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

WIFI सेफ्टी

समिट वैन्यू से लेकर विदेशी मेहमान जिन होटलों में ठहर रहे हैं, उनकी वाई-फाई सिक्योरिटी को भी टाइट कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने होटल मैनेजमेंट को आदेश दिए हैं कि वह वाई-फाई कनेक्शन की संख्या को सीमित करें। इसके साथ ही उन्हें अनथॉराइज एक्सेस पर नजर रखने को भी कहा गया है।

इतना ही नहीं होटल को उन सभी राउटर्स और पोर्ट्स को डिसेबल करने का आदेश दिया है, जिनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। 28 होटर्स का सिक्योरिटी ऑडिट किया जा चुका है। इसके अलावा, वैन्यू पर किसी भी बाहरी डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट नहीं किया जा सकेगा।

CERT-IN और DRDO जैसी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी साइबर अटैक को विफल करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी व टूल्स के साथ तैयार हैं। सभी हैकर्स ग्रुप्स और उनकी एक्टिविटी पर लगातार नजर रखी जा रही है।