
तेलंगाना स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन (TSPSC) के प्रश्न पत्र लीक में ChatGPT का नाम सामने आ रहा है। ChatGPT के आने के बाद से ही यह काफी चर्चा में रहा है। OpenAI का यह चैटबॉट इंसानों की तरह सवाल-जबाब कर सकता है। इस AI टूल को Microsoft और OpenAI ने मिलकर बनाया है। भारत में यह पहला मामला सामने आया है, जिसमें ChatGPT टूल का दुरुपयोग किया गया है। प्रश्न पत्र लीक की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने पाया कि आरोपी ने लेटेस्ट AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके सवाल का जबाब निकाला है।
SIT ने एक असीस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और डिविजनल अकाउंट ऑफिसर की भर्ती में ChatGPT के साथ-साथ ब्लूटूथ ईयरबड्स का इस्तेमाल परीक्षा केन्द्र पर किया था। जांच आयोग ने पूला रमेश नाम के एक डिविजनल इंजिनियर को इस मामले में आरोपी पाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, रमेश द्वारा बेचे गए प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र से 7 उम्मीदवारों को असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और डिविजनल अकाउंट ऑफिसर परीक्षा में मदद हुई थी।
OpenAI का यह चैटबॉट भारत में होने वाले कई प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल हो चुका है। हालांकि, यह टूल इनमें अच्छे नंबर नहीं ले पाया है। माइक्रोसॉफ्ट और OpenAI का यह चैटबॉट पूछे गए सवालों के सटीक जबाब दे सकता है, लेकिन इसमें अभी कई तरह की खामियां भी हैं, जो पाई गई हैं।
अमेरिका के एक राज्य ने इस टूल पर बैन भी लगा दिया है। कई छात्र इस टूल की मदद से अपने कॉलेज के असाइनमेंट और प्रोजेक्ट कर रहे थे। इसके अलावा इसकी मदद से रिसर्च पेपर भी लिखे जाने लगे थे। अमेरिका में इसे एजुकेशन सेक्टर के लिए विलेन बताया जा चुका है।
वहीं, दूसरी तरफ ईरान ने भी इस टूल पर बैन लगा दिया था। ChatGPT से दिए गए कई उत्तर गलत आ रहे थे और उसमें अपडेटेड जानकारी उपलब्ध नहीं थी, जिसकी वजह से इसे बैन कर दिया गया था। हालांकि, अब इसके GPT-4 वर्जन में नया अपडेट आया है, जिसके जरिए इसे इंटरनेट एक्सेस मिल गया है। इसके प्लस सब्सक्रिप्शन वाले यूजर्स को अब सभी अपडेटेड जानकारियां मिलेंगी।
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