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ChatGPT की लोकप्रियता ने बढ़ाई टेंशन, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बन सकता है खतरा

ChatGPT AI टूल की बढ़ती लोकप्रियता ने अमेरिकी लॉ मेकर्स के लिए टेंशन बढ़ा दी है। इस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा और शिक्षा जगत को नुकसान पहुंच सकता है।

Published By: Harshit Harsh | Published: Feb 14, 2023, 12:37 PM (IST)

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Highlights

  • ChatGPT AI टूल के 100 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हो गए हैं।
  • इस टूल की लोकप्रियता ने अमेरिकी लॉ मेकर्स की टेंशन बढ़ा दी है।
  • लॉ मेकर्स का मानना है कि इस AI टूल से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
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Microsoft और OpenAI के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रोग्राम ChatGPT की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। Google समेत कई टेक्नोलॉजी कंपनियां इस तरह के आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस टूल पर काम कर रही है। गूगल ने पिछले दिनों अपने AI टूल Bard की घोषणा की है। ChatGPT जैसे टूल जितनी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, उतनी ही तेजी से ये विवादों में भी आ गए हैं। अमेरिकी लॉ मेकर्स ने इन AI टूल को राष्ट्रीय सुरक्षा और एजुकेशन सिस्टम के लिए खतरा बताया है। news और पढें: OpenAI ने ChatGPT में किया बड़ा बदलाव, Advanced Voice Mode को सीधे चैट इंटरफेस में जोड़ा, मिलेगा ये फायदा

100 मिलियन से ज्यादा यूजर्स

ChatGPT की लोकप्रियता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि लॉन्च के महज दो महीने के अंदर ही इस टूल के 100 मिलियन (10 करोड़) मंथली एक्टिव यूजर्स हो गए हैं। OpenAI और Microsoft का यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल कंज्यूमप ऐप्लीकेशन की इतिहास का सबसे तेजी से लोकप्रिय होने वाला टूल बन गया है। फिलहाल यह टूल बीटा फेज में है और फ्री में इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, कंपनी इसका प्रीमियम सब्सक्रिप्शन भी लाने की तैयारी में है। news और पढें: ChatGPT ने लॉन्च ‘Shopping Research’ फीचर, अब ऑनलाइन खरीदारी होगी और भी आसान

फैल सकती है भ्रामक जानकारियां

रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी लॉ मेकर्स का मानना है कि ChatGPT जैसे AI टूल का इस्तेमाल गलत और भ्रामक जानकारियां फैलाने के लिए किया जा सकता है। वहीं, एडुकेटर्स को आशंका है कि छात्र ChatGPT का इस्तेमाल चीटिंग के लिए कर सकते हैं। अमेरिकी साइंस कमिटी के सदस्य टेड लियू ने पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि वो ChatGPT AI टूल को लेकर काफी उत्साहित थे क्योंकि यह एक एडवांस सोसाइटी के लिए अच्छी पहल है, लेकिन जब तक इसे चेक नहीं किया जाता और रेगूलेट नहीं किया जाता, यह खतरनाक हो सकता है। news और पढें: OpenAI ने लॉन्च किया ChatGPT for Teachers, अब टीचर्स के लिए आया स्पेशल AI Tool

उन्होंने आगे कहा कि AI का विकास इस तरह से करना चाहिए कि वो सुरक्षित, एथिकल और अमेरिकी लोगों के अधिकार और गोपनीयता की रक्षा कर सके। साथ ही, इसके इस्तेमाल से होने वाले रिस्क को कम से कम किया जा सके। पिछले महीने OpenAI के CEO सैम आल्टमैन ने टेक्नोलॉजी से संबंधिक लॉ मेकर सीनेटर मार्क वॉर्नस, रॉन वेडन और रिचर्ड ब्लूमेंथल समेत कई रिप्रजेंटेटिव्स से मिले थे। सीनेटर ने कंपनी के CEO से कहा था कि वो ये सुनिश्चित करें कि AI इस तरह से डेवलप किया जाना चाहिए कि यह वास्तविक दुनिया की तरह पक्षपात न कर सके।

स्कूलों में किया गया बैन

बता दें कि ChatGPT को पहले से ही न्यूयॉर्क के स्कूलों में बैन किया जा चुका है। इस AI टूल की वजह से प्लेगरिज्म के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं, जिसे लेकर कई अमेरिकी शिक्षाविद काफी चिंतित हैं। हालांकि, कंपनी का कहना है कि OpenAI सभी तरह से इनपुट का स्वागत करता है, जिनमें रेगुलेटर्स और सरकार भी शामिल हैं। वहीं, एक लॉ फर्म ने आशंका जताई कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है। इसका मुख्य कारण ChatGPT जैसे AI टूल इंसान के मुकाबले ज्यादा तेजी से और ज्यादा मात्रा में कंटेंट जेनरेट कर सकते हैं।