Written By Manisha
Published By: Manisha | Published: Sep 03, 2023, 12:52 PM (IST)
Chandrayaan 3: चंद्रयान 3 मिशन के तहत चांद पर सॉफ्ट लैंड हुआ प्रज्ञान रोवर चांद पर घूमकर डेटा कलेक्ट कर रहा था। वहीं, अब इसे रेस्ट मोड पर डाल दिया गया है। ISRO ने शनिवार को लेटेस्ट अपडेट जारी करते हुए बताया कि प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर 100 मीटर की दूरी तय कर ली है। 100 मीटर की दूरी तय करके प्रज्ञान रोवर ने अपना टास्क पूरा किया। अब इसे रेस्ट मोड (Sleep Mode) में डाल दिया गया है। बता दें, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अगले 15 दिन तक अंधेरा रहने वाला है, जिस वजह से प्रज्ञान रोवर को Sleep Mode में डाल दिया गया है। 15 दिन बाद एक बार फिर से सूरज की किरणें चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पड़ेंगी, जिससे रोवर सोलर एनर्जी लेकर फिर से अपना काम शुरू कर देगा। और पढें: National Space Day: आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा नेशनल स्पेस डे, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी
ISRO (Indian Space Research Organisation) ने शनिवार को देर रात Chandrayaan 3 मिशन का लेटेस्ट अपडेट देते हुए जानकारी दी कि प्रज्ञान रोवर ने चांद की सतह पर अपना टास्क पूरा कर लिया है। इसे अब सुरक्षित Sleep Mode में पार्क कर दिया गया है। रोवर के APXS और LIBS payloads को भी ऑफ कर दिया गया है। इन payloads का पूरा लैंडर के जरिए डेटा धरती पर पहुंच चुका है। और पढें: Chandryaan 3: चांद पर आज होगी सुबह, ISRO ने बताया इस दिन जागेंगे प्रज्ञान और विक्रम
Chandrayaan-3 Mission:
The Rover completed its assignments.और पढें: Chandrayaan-3: चांद पर फिर से उतरा विक्रम लैंडर, ISRO ने किया खास एक्सपेरिमेंट
It is now safely parked and set into Sleep mode.
APXS and LIBS payloads are turned off.
Data from these payloads is transmitted to the Earth via the Lander.Currently, the battery is fully charged.
The solar panel is…— ISRO (@isro) September 2, 2023
इसरो ने ट्वीट में बताया कि अब भी प्रज्ञान रोवर की बैटरी फुल चार्ज है। इसके साथ ही इसरो ने बताया कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अब सूरज की रोशनी 15 दिन बाद यानी 22 सितंबर को पड़ेगी। इस रोशनी से प्रज्ञान रोवर पर लगे सोलर पैनल चार्ज होंगे। इसके बाद प्रज्ञान रोवर अपना काम फिर से चालू कर देगा।
आपको बता दें, Chandrayaan-3 2023 मिशन के तहत भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश बना है। इससे पहले कई देशों ने यहां सॉफ्ट लैंड करने की कोशिश की थी, लेकिन सब असफल रहे। 23 अगस्त शाम 6 बजकर 4 मिनट पर इसरो के चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिण ध्रुप पर सफरलापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। लैंडिंग के बाद से ही रोवर चांद की सतह से अलग-अलग डेटा इसरो को भेज रहा था।
हालांकि, चांद क दक्षिणी ध्रुव पर केवल 15 दिन तक ही सूरज की रोशनी पड़ती है, वहीं 15 दिन चांद का यह कोना बिल्कुल अंधकार में डूब जाता है। ऐसे में प्रज्ञान चांद पर महीनों के 15 दिन काम करेगा और 15 दिन रेस्ट मोड में रहेगा।