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ChatGPT की मदद लेना वकील को पड़ा भारी, जानें पूरा मामला

ChatGPT से जुड़ा एक रोचक मामला सामने आया है। इसमें अमेरिका के एक वकील ने इस टूल का इस्तेमाल करना बहुत भारी पड़ा है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए नीचे खबर पढ़ें।

Published By: Ajay Verma | Published: May 29, 2023, 01:20 PM (IST)

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Highlights

  • ChatGPT से जुड़ा एक रोचक मामला सामने आया है।
  • वकील ने कोर्ट में चल रहे केस में लीगल दस्तावेज तैयार करने के लिए ChatGPT सहारा लिया है।
  • जब दस्तावेज को कोर्ट में दायर किया गया, तो पता चला कि जानकारी पूरी तरह से गलत है।
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ChatGPT अपने फायदे और नुकसान को लेकर पिछले कई महीनों से चर्चा में बना हुआ है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस चैटबॉट से लोगों की जिन्दगी आसान हो जाएगी। वहीं, कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि भविष्य में इसकी वजह से बहुत नुकसान हो सकता है। इसके फैक्ट हमेशा सही नहीं होते हैं। हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक वकील को इस चैटबॉट का इस्तेमाल करना बहुत भारी पड़ा है। news और पढें: Google के CEO ने ChatGPT को लेकर कही बड़ी बात, खुलकर AI के बारे में क्या बोले सुंदर पिचाई

एआई टूल इस्तेमाल करना पड़ा भारी

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में Steven A Schwartz नाम के वकील को कोर्ट में ChatGPT की वजह से काफी शर्मिंदा होना पड़ा है। दरअसल, कुछ दिन पहले वकील की कंपनी की ओर से कोलंबियाई एयरलाइन एविआंका पर मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें Steven A Schwartz ने 10 पेज का एफिडेविट पेश किया था। news और पढें: ChatGPT में जल्द आने वाला है एडल्ट फीचर, अब कर सकते है रोमांटिक चैट

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि Schwartz ने इस एफिडेविट को चैटजीपीटी की मदद से तैयार किया था। इसके बाद जब इस दस्तावेज को अदालत में पेश किया गया, तो इसके तथ्यों को गलत पाया गया। जब वकील से इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते थे कि AI टूल गलत जानकारी दे सकता है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि वह इस टूल का इस्तेमाल भविष्य में केस से जुड़े कार्यों के लिए कभी नहीं करेंगे। news और पढें: Google Nano Banana और ChatGPT को टक्कर देगा यह AI टूल, मिलेंगी फोटोरियलिस्टिक इमेज

8 जून को दोबारा होगी सुनवाई

रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया है कि एयरलाइन के खिलाफ केस दर्ज करने वाली फर्म को दोबारा लीगल ब्रीफ दायर करने की अनुमति मिलेगी या नहीं। हालांकि, 8 जून को दोबारा सुनवाई होगी और इसमें वकील के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

वकील को गलत जानकारी देने से पहले ChatGPT ने प्रोफेसर पर एक छात्रा का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था और उसी पर एक खबर बना दी, जो कि पूरी तरह से गलत थी। वास्तव में इस तरह की कोई घटना हुई ही नहीं थी।

एआई टूल के जरिए हो सकता है बड़ा स्कैम

हाल ही में दिग्गज टेक कंपनी मेटा (Meta) ने दावा किया कि चैटजीपीटी एआई टूल क्रिप्टोकरेंसी से भी बड़े स्कैम को अंजाम दे सकता है। हैकर्स इस टूल का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

पिछले साल लॉन्च हुआ ChatGPT

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टेक्नोलॉजी कंपनी ओपनएआई ने पिछले साल नवंबर में ChatGPT को लॉन्च किया था। लॉन्च के कुछ महीनों बाद कंपनी ने भारत में ChatGPT Plus का सब्सक्रिप्शन शुरू की थी, जिसको लोगों ने जमकर खरीदा।