
WhatsApp और केंद्र सरकार के बीच 2021 आईटी नियम को लेकर काफी समय से खींचतान चल रही है। इस मामले की सुनवाई के दौरान मैसेजिंग ऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट में एन्क्रिप्शन हटाने से इंकार कर दिया है। साथ ही कहा गया है कि इस प्लेटफॉर्म पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी लेयर मौजूद है, जिससे प्राइवेसी बरकरार रहती है। यही कारण है कि इस ऐप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया (Tejas Karia) ने दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायाधीश मनमीत प्रीतम सिंह अरोरा की बेंच को बताया अगर एन्क्रिप्शन को हटाने के लिए जोर दिया गया, तो हम भारत छोड़ देंगे। बेहतर प्राइवेसी की वजह से व्हाट्सएप का सबसे ज्यादा उपयोग होता है। भारत में इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या 40 करोड़ से ज्यादा है।
उन्होंने आगे कहा कि नियम के लागू होने से यूजर्स की निजता कमजोर हो जाएगी। आर्टिकल 14, 19 और 21 के तहत यूजर्स के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन होगा। दुनिया में इस तरह का कोई नियम नहीं है। इसके आने से हमें करोड़ों-अरबों मैसेज को स्टोर करके रखना होगा।
केंद्र सरकार की तरफ से पेश कीर्तिमान सिंह ने अदालत में IT नियमों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि आज के समय इस नियम का लागू होना बहुत जरूरी है। इसके बाद पीठ ने कहा कि संतुलन बनाना आवश्यक है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त 2024 को होगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2021 में 2021 इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी नियम का ऐलान किया था। इस नियम में व्हाट्सएप जैसी दिग्गज सोशल मीडिया कंपनियों के प्लेटफॉर्म के द्वारा भेजे गए मैसेज के असली सोर्स को ट्रैक करने की बात कही गई।
इससे सरकार फर्जी पोस्ट शेयर करने वाले ऑरिजनल सोर्स को पकड़कर सवाल पूछ सकती है। हालांकि, कंपनियों ने इस नियम के खिलाफ आवाज उठाई। वहीं, व्हाट्सएप ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
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