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भारत सरकार का बड़ा आदेश, अब हर नए स्मार्टफोन में होगा ये App, यूजर चाहें तो भी नहीं हटा पाएंगे

क्या आप जानते हैं कि अब हर नए स्मार्टफोन में ये एक सरकारी ऐप अनिवार्य रूप से इंस्टॉल होगा, जिसे आप हटा भी नहीं पाएंगे, क्या यह यूजर की प्राइवेसी को प्रभावित करेगा? आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Dec 01, 2025, 03:22 PM (IST)

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भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने सभी प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया है कि वे अगले 90 दिनों के भीतर हर नए फोन में सरकारी साइबर सुरक्षा ऐप ‘Sanchar Saathi’ को प्री-इंस्टॉल करें। खास बात यह है कि यह ऐप फोन से हटाया या डिसेबल नहीं किया जा सकेगा। यह आदेश 28 नवंबर को जारी किया गया, जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया बल्कि निजी तौर पर चुनिंदा कंपनियों को भेजा गया। भारत दुनिया का सबसे बड़े मोबाइल बाजारों में से एक है, जहां 1.2 अरब से अधिक टेलीकॉम यूजर हैं। सरकार का दावा है कि यह ऐप चोरी हुए मोबाइल ट्रैक करने, फर्जी IMEI पहचानने और साइबर धोखाधड़ी रोकने में बेहद कारगर साबित हुआ है। लॉन्च होने के बाद से अब तक यह 7 लाख से ज्यादा खोए हुए फोन वापस दिला चुका है और 3.7 करोड़ से अधिक फर्जी कनेक्शन बंद करवाए जा चुके हैं। news और पढें: Sanchar Saathi: ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम, आ गया संचार साथी ऐप

Apple इस आदेश का पालन कैसे करेगा?

इस आदेश ने कई स्मार्टफोन ब्रांड्स को मुश्किल में डाल दिया है, खासकर Apple को। Apple की नीतियों के अनुसार, वह न तो किसी थर्ड-पार्टी और न ही किसी सरकारी ऐप को फोन की बिक्री से पहले प्री-इंस्टॉल करने की अनुमति देता है। पहले भी Apple ने ऐसे सरकारी ऐप्स को लेकर आपत्ति जताई है और इस बार भी कंपनी के कदम पर सभी की नजरें टिकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि Apple सीधे सरकार को ना नहीं कहेगा, लेकिन वह कोई बीच का रास्ता खोज सकता है जैसे फोन में ऐप अनिवार्य रूप से डालने के बजाय यूजर को ऐप डाउनलोड करने का नोटिफिकेशन या पॉप-अप दिखाना। Samsung, Xiaomi, Vivo, Oppo जैसी कंपनियां भी इस आदेश के दायरे में आएंगी। हालांकि किसी भी कंपनी ने अभी तक इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

कैसे यह ऐप IMEI चेकिंग, फोन ट्रैकिंग और साइबर फ्रॉड रोकने में मदद करता है?

सरकार का कहना है कि Sanchar Saathi App को अनिवार्य बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि बढ़ते साइबर फ्रॉड, नकली IMEI और फर्जी मोबाइल कनेक्शनों से देश की साइबर सुरक्षा को गंभीर खतरा हो रहा है। IMEI यानी International Mobile Equipment Identity एक 14–17 अंकों का यूनिक नंबर होता है जो हर मोबाइल फोन की पहचान करता है। धोखेबाज इसी IMEI को बदलकर फर्जी कनेक्शन बनाते हैं, स्कैम कॉल्स करते हैं और चोरी के मोबाइल का गलत इस्तेमाल करते हैं। Sanchar Saathi App यूजर को IMEI चेक करने, खोए फोन को ब्लॉक करने, Suspicious calls की शिकायत करने और चोरी हुए फोन को ट्रैक करने की सुविधा देता है। पुलिस और साइबर एजेंसियों के अनुसार, इस ऐप ने न सिर्फ अपराध कम किए हैं, बल्कि ब्लैक मार्केट में नकली मोबाइल की सप्लाई भी कम की है।

क्या ये अनइंस्टॉल-न-होने वाले ऐप यूजर की प्राइवेसी और आजादी पर असर डालेगा?

सरकार का मानना है कि यह कदम आम लोगों की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है लेकिन डिजिटल अधिकारों और प्राइवेसी पर काम करने वाले विशेषज्ञ इस फैसले को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि किसी भी ऐप को अनइंस्टॉल न होने देना यूजर की आजादी और प्राइवेसी पर असर डाल सकता है। वहीं कई यूजर भी प्री-इंस्टॉल्ड और न हटाए जाने वाले ऐप्स को लेकर असहज महसूस करते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि स्मार्टफोन कंपनियां इस सरकारी आदेश को कैसे लागू करती हैं खासकर Apple, जिसकी नीतियां इस निर्देश के ठीक उलट हैं।