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TRAI Rule: फर्जी लिंक वाले मैसेज पर लगेगी रोक, लागू हुआ नया नियम

TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) ने देश में बढ़ते ऑनलाइन स्कैम को ध्यान में रखकर नया नियम लागू किया है। इसके आने से फेक लिंक वाले मैसेज अपने आप ब्लॉक हो जाएंगे।

Published By: Ajay Verma | Published: Oct 01, 2024, 11:34 AM (IST)

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TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) ने यूजर्स के हित को ध्यान में रखकर आज यानी 1 अक्टूबर 2024 को नया नियम लागू किया है। इस नियम के तहत अब स्पैम वेब लिंक, यूआरएल और एपीके वाले मैसेज खुद ब खुद ब्लॉक हो जाएंगे। इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी और निजी जानकारी सिक्योर रहेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस नियम को 1 सितंबर को देशभर में लागू किया जाना था, लेकिन टेलीकॉम कंपनियों और स्टेकहोल्डर्स के कहने पर इसे आगे बढ़ाया गया। news और पढें: Google ने भारत के लिए नए AI Safety Tools का किया ऐलान, स्कैमर्स की बजने वाली है बैंड

TRAI New Rule

ट्राई इस नियम को खासतौर पर फेक कॉल और मैसेज पर रोक लगाने के लिए लाया है। इस नियम के आने से उन कंपनियों कके मैसेज व कॉल नहीं आएंगे, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं। इसके अलावा, ओटीपी वाले मैसेज भी नहीं आएंगे, जिन बैंक और पेमेंट प्लेटफॉर्म को सरकार द्वारा अप्रूव्ड नहीं किया गया है। news और पढें: Jio और VI यूजर्स को दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, यहां लाइव हुआ CNAP फीचर

नए नियम के अनुसार, देश की सभी टेलीकॉम कंपनियों को सख्त आदेश दिया गया है कि अब ओटीपी और लिंक वाले मैसेज सेंड करने के लिए खास तरह का टेम्पलेट उपयोग करना होगा। यदि कंपनियां इसे फॉलो नहीं करती हैं, तो उनके मैसेज को तुरंत ब्लॉक कर दिया जाएगा। news और पढें: TRAI और DoT का बड़ा फैसला, अब हर कॉल पर दिखेगा कॉलर का नाम, फर्जी कॉल्स से मिलेगी राहत

इस वजह से लाया गया नया नियम

भारत में पिछले कई वर्षों से ऑनलाइन स्कैम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्कैमर्स फर्जी मैसेज और कॉल का सहारा लेकर लोगों को ठग रहे हैं। यही कारण है कि ट्राई इन मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए नया नियम लाया है। इससे यूजर्स पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे।

अंत में बताते चलें कि ट्राई ने इससे पहले टेलीकॉम ऑपरेटर्स और एक्सेस सर्विस प्रोवाइडर के 140 सीरीज से शुरू होने वाले नंबर को डीएलटी यानी डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर तकनीक पर शिफ्ट करने की बात कही थी। इससे किसी भी नंबर को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा और धोखाधड़ी के बढ़ते केस पर भी लगाम लगेगी।