Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 29, 2025, 11:15 AM (IST)
TRAI new rule 2025
देशभर के मोबाइल यूजर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने एक नई सुविधा शुरू करने का फैसला किया है, जिससे अब यूजर्स को अनजान नंबर्स से आने वाले फर्जी और धोखाधड़ी वाले कॉल्स से राहत मिलेगी। इस नई व्यवस्था के तहत, जब भी कोई कॉल आएगी तो उस व्यक्ति का नाम आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखाई देगा। यह नाम वही होगा जो कॉलर ने अपने मोबाइल नंबर के KYC (Know Your Customer) में दर्ज किया होगा। यानी अब आपको यह जानने के लिए किसी थर्ड पार्टी ऐप जैसे ट्रूकॉलर की जरूरत नहीं पड़ेगी। और पढें: क्या Vodafone Idea को मिल पाएगी AGR बकाया में राहत? Vi ने की बड़ी मांग
दरअसल हाल के वर्षों में फर्जी कॉल्स और धोखाधड़ी के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। कई बार यूजर्स को बैंक या किसी कंपनी के नाम से कॉल आती है और उनसे व्यक्तिगत जानकारी या OTP मांगा जाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए TRAI और DoT ने मिलकर यह नया कदम उठाया है। इस फीचर का नाम ‘Calling Name Presentation (CNAP)’ रखा गया है। TRAI ने फरवरी 2024 में इस सर्विस का प्रस्ताव दिया था, जिसमें कहा गया था कि यह सुविधा तभी एक्टिव होगी जब ग्राहक खुद इसे ऑन करेंगे। हालांकि बाद में DoT ने सुझाव दिया कि यह फीचर सभी के लिए डिफॉल्ट रूप से एक्टिव होना चाहिए ताकि हर यूजर को इसका फायदा मिले। और पढें: सिर्फ एक ट्रिक से पहचानें फर्जी कॉल और मैसेज, सरकार ने दिया आसान तरीका
अब TRAI ने DoT की राय मान ली है और दोनों विभागों ने मिलकर इसे लागू करने का निर्णय ले लिया है। इसके तहत अब हर मोबाइल यूजर के फोन पर कॉल आने पर कॉलर का नाम भी दिखाई देगा। यह नाम KYC के समय दर्ज किए गए नाम के अनुसार होगा। इस सुविधा का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यूजर्स तुरंत पहचान पाएंगे कि कॉल किसकी है असली व्यक्ति की या किसी फर्जी नंबर की। यह फीचर ट्रूकॉलर की तरह ही काम करेगा, लेकिन फर्क यह होगा कि यह सरकारी तौर पर लागू किया गया सिस्टम होगा, जिसमें डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा और किसी थर्ड पार्टी के पास नहीं जाएगा। और पढें: Starlink सैटेलाइट इंटरनेट भारत में कब होगा शुरू? ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताए देरी के कारण
हालांकि कुछ मामलों में यह सुविधा लागू नहीं होगी। जिन लोगों ने Calling Line Identification Restriction (CLIR) सुविधा ली होगी, उनके नाम स्क्रीन पर नहीं दिखाई देंगे। यह छूट खास तौर पर सुरक्षा एजेंसियों, VIP लोगों और सरकारी विभागों को दी जाएगी। जो भी व्यक्ति CLIR के लिए आवेदन करेगा, उसकी पूरी जांच-पड़ताल की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस सर्विस का ट्रायल पिछले साल मुंबई और हरियाणा सर्किल में किया गया था, जो सफल रहा। अब इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। TRAI और DoT का मानना है कि यह कदम मोबाइल कॉल्स से जुड़ी धोखाधड़ी, फर्जी कॉल्स और स्पैम कॉल्स को काफी हद तक कम करेगा, जिससे करोड़ों यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा। यह पहल भारत के डिजिटल सुरक्षा ढांचे को और मजबूत बनाएगी।