comscore

1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के जरूरी नियम, Google Pay, PhonePe यूजर्स अब ये सब नहीं कर पाएंगे बार-बार!

1 अगस्त 2025 से UPI यूजर्स के लिए नए नियम लागू हो रहे हैं। अगर आप Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप से पैसे भेजते या मंगवाते हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। ये नए नियम इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि सिस्टम पर ज्यादा लोड न पड़े और सबका UPI बेहतर और सुरक्षित चले। आइए आगे जानते हैं कि क्या-क्या बदलेगा और आपको किन बातों का ध्यान रखना है।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jul 24, 2025, 05:28 PM (IST)

  • whatsapp
  • twitter
  • facebook
  • whatsapp
  • twitter
  • facebook

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक अहम फैसला लिया है। 1 अगस्त 2025 से UPI से जुड़े कुछ नए नियम लागू होंगे। ये नियम इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि ऑनलाइन पेमेंट और भी ज्यादा सुरक्षित, तेज और आसान हो सके। अगर आप Google Pay, PhonePe, Paytm या कोई भी UPI ऐप इस्तेमाल करते हैं, तो ये नए नियम आपके लिए बहुत जरूरी हैं।

क्या है नए नियम?

इन नए नियमों के तहत अब कोई भी यूजर अपने लिंक किए गए बैंक अकाउंट को दिन में केवल 25 बार ही देख सकेगा। वहीं बैलेंस चेक करने की सीमा भी तय कर दी गई है एक यूजर अधिकतम 50 बार ही अपना बैलेंस चेक कर सकेगा। इसके अलावा अगर किसी ट्रांजैक्शन की स्थिति जाननी है तो अब आप दिन में सिर्फ 3 बार ही उसका स्टेटस चेक कर सकते हैं और वो भी हर बार 90 सेकंड के अंतर पर। यानी बार-बार ट्रांजैक्शन स्टेटस जानने के लिए ऐप को रिफ्रेश नहीं कर पाएंगे।

ट्रांजैक्शन स्टेटस बार-बार चेक नहीं कर सकेंगे

NPCI का कहना है कि अप्रैल और मई 2025 के बीच ट्रांजैक्शन फेल होने और लेट होने की कई शिकायतें मिली थीं। जांच में सामने आया कि यूजर्स द्वारा बार-बार बैलेंस चेक करना और लगातार ट्रांजैक्शन स्टेटस ट्रैक करना सिस्टम पर भारी लोड डाल रहा था। इसी वजह से कई बार पेमेंट फेल हो रही थी या बहुत देर से हो रही थी। अब इन सीमाओं से न सिर्फ सिस्टम पर लोड कम होगा बल्कि पेमेंट की स्पीड भी बेहतर होगी और यूजर को स्मूद एक्सपीरियंस मिलेगा।

क्या पेमेंट लिमिट में भी हुआ है बदलाव?

हालांकि UPI से ट्रांजैक्शन की अधिकतम राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले की तरह आप एक बार में अधिकतम 1 लाख तक की पेमेंट कर सकते हैं। कुछ खास मामलों जैसे मेडिकल या एजुकेशन से जुड़ी ट्रांजैक्शन में यह सीमा 5 लाख तक की है। ऑटोपे ट्रांजैक्शन के लिए भी फिक्स टाइम स्लॉट तय किए जा रहे हैं ताकि सिस्टम पर एक साथ ज्यादा ट्रैफिक न हो। ये सभी बदलाव खुद-ब-खुद आपके UPI ऐप्स में अपडेट हो जाएंगे, इसके लिए किसी मैनुअल स्टेप की जरूरत नहीं है। इन नए नियमों का मकसद UPI को और ज्यादा बेहतर और भरोसेमंद बनाना है। अगर आप डिजिटल पेमेंट करते हैं, तो अब आपको अपने ट्रांजैक्शन को समझदारी से मैनेज करना होगा ताकि नए लिमिट्स में कोई परेशानी न हो