
टेक्नोलॉजी की दुनिया में Microsoft ने एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने अमेरिकी सरकार को अपनी AI सेवाओं को मुफ्त में इस्तेमाल करने का ऑफर दिया है। यह उस समय हुआ जब OpenAI ने भी अमेरिकी सरकार को ChatGPT Enterprise लगभग मुफ्त में देने की पेशकश की थी, लेकिन यह पूरी तरह मुफ्त नहीं है क्योंकि कुछ शर्तों के तहत भविष्य में सरकार को इन सेवाओं के लिए पैसे देने पड़ सकते हैं। अमेरिका की सरकार चाहती है कि उसे दुनिया की सबसे नई AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मिले, चाहे वह Google, OpenAI या Microsoft जैसी कंपनियों से क्यों न हो।
सरकारी विभागों को AI टूल्स इस्तेमाल करने देना कंपनियों के लिए भी फायदेमंद है। इससे सरकारी कर्मचारी नई टेक्नोलॉजी सीख सकते हैं और सरकारी काम-काज को और आधुनिक बनाया जा सकता है, लेकिन सरकार ध्यान रखती है कि संवेदनशील या सुरक्षा से जुड़े डेटा AI मॉडल्स को सीखाने में इस्तेमाल न हो। इस “मुफ्त” सेवा का एक और फायदा यह है कि कंपनियां और सरकार एक-दूसरे के साथ रणनीतिक रूप से जुड़े रहते हैं।
इस तरह की मुफ्त AI सेवाओं के पीछे अक्सर कुछ नियम और शर्तें होती हैं, जो सिर्फ कंपनी और इस्तेमाल करने वाले ही समझते हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स कहते हैं कि “मुफ्त” का मतलब हमेशा सच में मुफ्त नहीं होता। इसी वजह से देश की अपनी AI बनाना बहुत जरूरी है। अगर देश की अपनी AI होगी, तो डेटा देश के अंदर सुरक्षित रहेगा और यह हमारी भाषा और संस्कृति को समझकर सही जवाब देगा।
इसी सोच के साथ भारत की कंपनी Puch AI काम कर रही है। यह कंपनी भारत के लिए अपनी खुद की AI बना रही है, जो हिंदी और बाकी भारतीय भाषाओं में बात कर सके और हमारे स्थानीय संदर्भ को समझ सके। कंपनी मोबाइल नंबर 9090909090 के जरिए देशभर में AI सेवा लोगों तक पहुंचाना चाहती है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जिन्हें अभी तक AI इस्तेमाल करने का मौका नहीं मिला। WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म से यह सेवा बहुत आसानी से अरबों लोगों तक पहुंच सकेगी। ऐसे कदम भारत में AI को सुरक्षित, स्थानीय और सबके लिए आसान बनाने में मदद करेंगे।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Ashutosh Ojha
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