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Microsoft CEO Satya Nadella का बड़ा बयान, सिर्फ पढ़ाई से नौकरी नहीं बचेगी, ये क्वालिटी भी सीखना है जरूरी

क्या सिर्फ पढ़ाई और तेज दिमाग से ही नौकरी और करियर बचा रहेगा? Microsoft CEO सत्य नडेला का मानना है कि AI के समय में Emotional Intelligence यानी EQ ही सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Dec 02, 2025, 11:53 AM (IST)

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आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तेजी से काम की दुनिया को बदल रहा है। ऐसे माहौल में Microsoft के CEO सत्य नडेला ने कहा है कि अब सिर्फ दिमाग यानी IQ के भरोसे नेता या कर्मचारी सफल नहीं हो सकते। उन्होंने साफ कहा कि Emotional Intelligence यानी EQ ही असली ताकत बन गई है क्योंकि मशीनें भले ही तेजी से डेटा संभाल लें, लेकिन इंसानों की समझ, संवेदनशीलता और जुड़ाव की क्षमता कोई तकनीक नहीं दे सकती। नडेला का मानना है कि आने वाले वर्षों में AI जितना बढ़ेगा, उतना ही इंसानी सहानुभूति और सहयोग की जरूरत भी बढ़ेगी।

IQ बिना EQ बेकार

‘MD Meets’ पॉडकास्ट में Axel Springer के CEO मथियास डोएप्फनर से बातचीत में नडेला ने बताया कि सिर्फ तेज दिमाग होना काफी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘IQ की अपनी जगह है, लेकिन सिर्फ IQ से दुनिया नहीं चलती। अगर किसी नेता के पास IQ है लेकिन EQ नहीं, तो वह IQ ही बेकार है’ उनका कहना है कि AI तकनीकी कामों को आसान और तेज कर रही है, लेकिन टीम को आगे बढ़ाने, लोगों को समझने और सही माहौल बनाने के लिए EQ सबसे महत्वपूर्ण बन गया है। यही वजह है कि अब कंपनियां उन लोगों को महत्व दे रही हैं जो समस्याओं को समझदारी से हल करें, इंसानों से जुड़ सकें और टीम में सहयोग का माहौल बना सकें।

Return-to-Office पर सत्य नडेला ने क्या कहा

जब उनसे पूछा गया कि क्या Empathy की बढ़ती जरूरत के कारण ही Microsoft ने ऑफिस वापसी की नीति लागू की है तो सत्य नडेला ने कहा कि AI के दौर में इंसानी सहयोग और भी जरूरी हो गया है। उनका मानना है कि ऑफिस सबसे अच्छा Collaboration Tool है, जहां लोग मिलकर सीखते हैं, विचार शेयर करते हैं और एक-दूसरे को बेहतर समझते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे ऑफिस वापसी को लेकर बहुत सख्त रवैया नहीं अपनाना चाहते। उनका कहना है कि बेहतर माहौल ही कर्मचारियों को बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करता है।

कैसे सत्य नडेला का ‘Growth Mindset’ Microsoft के कल्चर को बदल रहा है?

सत्य नडेला ने अपने 10 साल के कार्यकाल में Microsoft के कल्चर को बदलने पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। उन्होंने कंपनी को ‘know-it-all’ यानी सबकुछ जानने वाली सोच से हटाकर ‘learn-it-all’ यानी हमेशा सीखते रहने वाली सोच की तरफ मोड़ा। उनकी यह फिलॉसफी आज Microsoft को AI रेस में आगे ले जाने में अहम रही है। कंपनी ने हाल में अपने नेतृत्व ढांचे को भी मजबूत किया है और ‘Superintelligence Team’ तैयार की है ताकि AGI यानी Artificial General Intelligence पर तेजी से काम हो सके। सत्य नेडेला की नेतृत्व शैली का असर कंपनी के प्रदर्शन पर साफ दिख रहा है, इस साल Microsoft का स्टॉक करीब 20% बढ़ा है और कंपनी की मार्केट वैल्यू बढ़कर 3.7 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गई है, जिससे यह दुनिया की दूसरी सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है।