Written By Harshit Harsh
Published By: Harshit Harsh | Published: Oct 21, 2023, 10:48 AM (IST)
ISRO ने अंतरिक्ष में इतिहास रचते हुए गगनयान मिशन का पहला टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। इसके साथ ही, भारत में अंतरिक्ष में मानवरहित यान भेजने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इस टेस्ट फ्लाइट को लॉन्च किया गया है। इसकी लॉन्चिंग पहले सुबह 8 बजे शेड्यूल थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे सुबह 8:45 बजे रीशेड्यूल किया गया। हालांकि, काउंटडाउन शुरू होने के बाद लॉन्चिंग से 5 सेकेंड पहले कम्प्यूटर में आई तकनीकी दिक्कत की वजह से इसकी लॉन्चिंग होल्ड हो गई थी। इस दिक्कत को ठीक करके सुबह 10 बजे इसे फिर से लॉन्च के लिए शेड्यूल किया गया। और पढें: Gaganyaan Mission में इंसान से पहले ‘हाफ-ह्यूमनॉइड Vyommitra’ जाएगा अंतरिक्ष में, क्या है इसके पीछे ISRO का मास्टरप्लान?
और पढें: ISRO का बड़ा कारनामा, GSLV-F15 के साथ NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट की लॉन्च
Mission Gaganyaan
और पढें: National Space Day: आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा नेशनल स्पेस डे, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी
TV D1 Test Flight is accomplished.
Crew Escape System performed as intended.
Mission Gaganyaan gets off on a successful note. @DRDO_India@indiannavy#Gaganyaan
— ISRO (@isro) October 21, 2023
इसरो के गगनयान मिशन का पहला टेस्ट वीकल TV D1 अंतरिक्ष में क्रू एस्केप सिस्टम को टेस्ट करने के लिए लॉन्च किया गया। इसके सफल प्रक्षेपण पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि TV D1 क्रू मॉड्यूल मिशन का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है। इसकी सफलता पर इसरो की पूरी टीम को बधाई।
TV D1 अपने साथ अंतरिक्षयात्रियों के लिए बनाए गए खास क्रू मॉड्यूल को अपने साथ ऊपर ले गया। रॉकेट क्रू मॉड्यूल को धरती की सतह से साढ़े 16 किलोमीटर ऊपर ले गया और फिर से बंगाल की खाड़ी में लैंड कराया। इस सफल टेस्टिंग के बाद इसरो को मानव को अंतरिक्ष भेजने वाले गगनयान मिशन के पहले पड़ाव को पूरा करने में सफलता मिली है।
Reason for the launch hold is identified and corrected.
The launch is planned at 10:00 Hrs. today.
— ISRO (@isro) October 21, 2023
ISRO इस टेस्ट फ्लाइट को सुबह 8:00 बजे अंतरिक्ष में भेजने वाला था, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग को 8:45 बजे रीशेड्यूल करना पड़ा। हालांकि, इसके ऑटोमैटिक लॉन्चिंग पैनल में आई कुछ तकनीकी दिक्कत की वजह से लॉन्च से महज 5 सेकेंड पहले इसका प्रक्षेपण होल्ड हो गया। इसरो की टीम ने बाद में इसे ठीक करके 10 बजे इसे दोबारा लॉन्च किया और यह सफलतापूर्वक पूरा हो गया।