
भारत टेक कंपनियों के लिए बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनने वाला है। Oppo, Vivo, Xiaomi, Samsung के बाद Apple और Google भी भारत में अपने स्मार्टफोन और डिवाइसेज बनाने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा सरकार ने अब तक PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव) स्कीम के तहत 27 टेक कंपनियों को सब्सिडी की अनुमति दी है। सरकार का यह कदम देश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में बड़ा कदम है। इन कंपनियों को सरकार से मिली सब्सिडी की वजह से फाइनेंशियल बूस्ट मिलेगा और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के सपने को उड़ान मिलेगी।
केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत इन टेक कंपनियों को सब्सिडी देने की घोषणा की गई है, ताकि ये भारत में अपने प्रोडक्ट्स असेंबल और मैन्युफैक्चर कर सके। सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों के साथ-साथ लैपटॉप बनाने वाली बड़ी कंपनियों जैसे कि Dell, HP, Asus आदि को भी PLI स्कीम में शामिल किया है। 27 में से 23 कंपनियां अगले 90 दिनों में भारत में प्रोडक्शन शुरू कर सकती है।
मोदी सरकार के इस फैसले से देश में अगले कुछ महीनों में 2 लाख नए रोजगार का सृजन होगा, जिनमें 50 हजार डायरेक्ट और 1.5 लाख इनडायरेक्ट होंगे। भारत सरकार टेक कंपनियों को इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस चीन के बदले भारत से इंपोर्ट करने पर काम कर रही है। भारत की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ने से ग्लोबल टेक कंपनियों के लिए भारत चीन का अल्टर्नेट मार्केट बनके उभरेगा।
सरकार ने इस क्रम में चीनी कंपनी Lenovo को भी PLI स्कीम में शामिल किया है। इन दिनों कई चीनी कंपनियां भारत सरकार की एजेंसियों की रडार पर हैं। इनमें से कुछ कंपनियों पर टैक्स की चोरी करने का आरोप भी लगा है। भारत को चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का भी फायदा मिलेगा। इसके अलावा रूस-यूक्रेन और इजराइल की जंग का भी फायदा भारत को मिल सकता है।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Harshit Harsh
Select Language