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CoWin डेटा लीक पर सरकार ने दी सफाई, पोर्टल को बताया पूरी तरह से सुरक्षित

आज सोमवार को ट्विटर पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया था कि सरकारी पोर्टल कोविन (COWIN) से करोड़ो भारतीय का निजी डेटा Telegram पर लीक हो गया है। वहीं, अब सरकार ने इस पर अपना रुख साफ कर दिया है।

Published By: Manisha | Published: Jun 12, 2023, 08:27 PM (IST)

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Highlights

  • CERT In डेटा लीक मामले की करेगा जांच
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कोविन पोर्टल है पूरी तरह से सुरक्षित
  • ट्वीट करके सरकार ने कोविन डेटा लीक पर दी जानकारी
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CoWin पोर्टल से डेटा लीक की जानकारी हाल ही में सामने आई थी। वहीं, अब सरकार ने इस मामले की गंभीरता देखते हुए इस पर अपना रुख साफ किया है। सरकार ने बताया है कि कोविन पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित है। इस पोर्टल पर डेटा केवल OTP ऑथेंटिकेशन के जरिए उपलब्ध होता है। कोई शख्स मोबाइल नंबर डालकर यूजर डेटा प्राप्त नहीं कर सकता है। आइए जानते हैं इस संबंध में पूरी डिटेल्स। news और पढें: CoWIN पोर्टल का डेटा हुआ लीक! टेलीग्राम पर आई करोड़ों लोगों की पर्सनल डिटेल

आज सोमवार को ट्विटर पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया था कि सरकारी पोर्टल कोविन (COWIN) से करोड़ो भारतीय का निजी डेटा Telegram पर लीक हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया था कि आम जनता के साथ-साथ कई बड़े नेताओं और पत्रकारों तक की आधार, पासपोर्ट व पैन कार्ड नंबर जैसी निजी जानकारी लीक हो गई है। ये पर्सनल डिटेल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम (Telegram) पर उपलब्ध है। news और पढें: Coronavirus: CoWIN के जरिए कैसे बुक करें Booster Jab? यहां जानें स्टेप-बायस्टेप प्रोसेस

रिपोर्ट में बताया गया था कि टेलीग्राम बॉट में कोविन पोर्टल से जुड़ा नंबर दर्ज करने पर उससे लिंक जेंडर, डीओबी और वैक्सीनेशन सेंटर का नाम और वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आईडी का नंबर दिखाई दे रहा है। इसके अलावा, टेलीग्राम पर वोटर आईडी से लेकर आधार और पैन कार्ड तक की आईडी भी दिख रही है।

 


इन्हीं खबरों और पोस्ट पर सरकार की तरफ से सफाई देते हुए कहा गया है कि यह बिना किसी आधार के और शरारती प्रकृति की रिपोर्ट्स हैं। यूजर्स के डेटा कोविन पोर्टल पर पूरी तरह से सुरक्षित है। को-विन पोर्टल की सुरक्षा के लिए वेब एप्लिकेशन फ़ायरवॉल, एंटी-डीडीओएस, एसएसएल/टीएलएस, आईडेंटिटी एंड एक्सेस मैनेजमेंट जैसे सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। इसके अलावा, डेटा केवल ओटीपी ऑथेटिंकेशन के बेस्ड पर उपलब्ध कराया जाता है। ओटीपी के बिना कोई भी डेटा को किसी भी बीओटी के साथ शेयर नहीं कर सकता।

CERT-In करेगी इस मामले की जांच-

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने Indian Computer Emergency Response Team (CERT-In) को डेटा उल्लंघन के इस मामले को देखने और इस पर एक रिपोर्ट बनाने का अनुरोध किया गया है।