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2023 के अंत तक भारत में 31 मिलियन यानी 3.1 करोड़ 5G यूजर्स हो सकते हैं। Ericsson की ग्लोबल स्टडी में यह बात सामने आई है। भारत में यूजर्स तेजी से हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस को अपनाने लगे हैं। पिछले साल 1 अक्टूबर 2022 को भारत में 5G सर्विस लॉन्च किया गया था। एक साल के अंदर ही भारत ने 5G यूजर्स द्वारा ऐप्स अडॉप्शन के मामले में दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। इस सर्वे में 30 प्रतिशत भारतीय यूजर्स ओवरऑल नेटवर्क से संतुष्ट दिखे।
इस सर्वे रिपोर्ट को जारी करते हुए Ericsson Consumer Lab के हेड जसमीत सिंह सेठी ने कहा कि 14 प्रतिशत भारतीय यूजर्स प्रीमियम 5G सर्विस लेने के लिए तैयार हैं। ऐसे में टेलीकॉम कंपनियों को अपनी 5G सर्विस को मॉनिटाइज करने का विकल्प मिल जाएगा। सेठी ने ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग और मलेशिया की टेलीकॉम कंपनियों उदाहरण देते हुए कहा कि टेलीकॉम कंपनियों इन प्रीमियम 5G सर्विस मॉडल को अडॉप्ट कर सकती हैं।
Image: Harshit Harsh
Ericsson Global Survey की स्टडी के मुताबिक, 31 मिलियन यानी 3.1 करोड़ यूजर्स 2023 के अंत तक 5G फोन का इस्तेमाल करेंगे। इस समय देश में 5G को लेकर बड़ी संभावनाएं हैं। भारतीय यूजर्स ऐप्स के साथ ज्यादा इंगेज रहते हैं, जिनमें हाई डिफिनिशन वीडियो, वीडियो कॉलिंग सर्विस, मोबाइल गेमिंग और ऑग्मेंटेड रियलिटी आदि शामिल हैं। भारतीय यूजर्स अमेरिका, यूके, दक्षिण कोरिया, चीन समेत अन्य अर्ली 5G अडॉप्टर्स के मुकाबले सप्ताह में दो घंटे ज्यादा इन सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं।
यही नहीं, भारत में 5G सर्विस से संतुष्टि लेवल पहले से 5G सर्विस लॉन्च कर चुके देश के बराबर है। भारत में कई 5G मार्केट से 13 प्रतिशत संतुष्ट 5G यूजर्स हैं। ओवरऑल भारत में 4G से 5G में शिफ्ट होने पर यूजर्स की संतुष्टि लेवल बेहतर डाउनलोडिंग स्पीड की वजह से 30 प्रतिशत तक है।
Image: Harshit Harsh
भारतीय टेलीकॉम कंपनियां Airtel और Jio देश में 5G सर्विस के लिए फिलहाल यूजर्स से कोई चार्ज नहीं ले रही हैं। हालांकि, नेटवर्क डिप्लॉयमेंट और सर्विस रोल आउट करने में लगे इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च को देखते हुए जल्द ही कंपनियां यूजर्स से चार्ज लेना शुरू कर सकती हैं। Ericsson सर्वे के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां यूजर्स को प्रीमियम सर्विस मुहैया करा सकती हैं और ज्यादा चार्ज कर सकती हैं। इससे कंपनी को 5G डिप्लॉयमेंट पर लगने वाले खर्च को निकाला जा सकता है।
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