Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 20, 2025, 11:02 AM (IST)
WhatsApp अब अपनी प्लेटफॉर्म पर सामान्य AI असिस्टेंट्स को बैन करने वाला है। Meta ने अपने WhatsApp Business API की पॉलिसी में बदलाव किया है। नए नियमों के अनुसार जनवरी 2026 से General-purpose AI assistants को WhatsApp पर काम करने की अनुमति नहीं होगी। इसका मतलब है कि OpenAI का ChatGPT, Perplexity, Luzia और Poke जैसे AI चैटबॉट्स अब WhatsApp पर काम नहीं कर पाएंगे। Meta ने स्पष्ट किया कि यह कदम प्लेटफॉर्म की इंफ्रास्ट्रक्चर और मॉनेटाइजेशन को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है। और पढें: Android यूजर्स के लिए खुशखबरी, अब आपके फोन पर भी चलेगा AI ब्राउजर ‘Comet’, ऐसे पाएं अर्ली एक्सेस
Meta ने अपने नए नियमों में कहा है कि जो कंपनियां AI या मशीन लर्निंग की मदद से बोट बनाती हैं और उनका बोट मुख्य रूप से AI असिस्टेंट की तरह काम करता है, वो अब WhatsApp Business पर इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी। आसान भाषा में कहें तो अगर आपका WhatsApp बोट लोगों के सवालों के जवाब देने वाला AI असिस्टेंट है तो अब वह WhatsApp पर नहीं चलेगा लेकिन ये नियम हर बोट पर लागू नहीं है, अगर बोट सिर्फ किसी खास काम के लिए है, जैसे ट्रैवल कंपनी का सपोर्ट बोट या फ्लाइट स्टेटस बताने वाला बोट तो ये अभी भी काम करेगा। और पढें: Perplexity और Snapchat में हुई बड़ी डील, अब यूजर्स को मिलेंगे भर-भर के AI फीचर
Meta कहता है कि WhatsApp Business API मूल रूप से सिर्फ बिजनेस और ग्राहक के बीच चैट करने के लिए बनाई गई थी, AI बोट चलाने के लिए नहीं। हाल ही में कई डेवलपर्स ने इसका इस्तेमाल आम AI असिस्टेंट बनाने के लिए किया। इससे WhatsApp पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ा क्योंकि AI बोट बहुत सारे मैसेज, फोटो और वॉइस भेजते हैं जो इस सिस्टम के लिए बनाया ही नहीं गया। इसके अलावा AI बोट्स को संभालने और मॉडरेट करने के लिए अलग तरह की मदद और नियम चाहिए, जो WhatsApp के सिस्टम में पहले से नहीं थे। और पढें: Airtel यूज करने वालों का लगा जैकपॉट, 1 साल के लिए मिल रहा 17 हजार वाला Perplexity Pro AI टूल बिल्कुल फ्री
व्यापार की नजर से यह कदम Meta के लिए बहुत जरूरी है। WhatsApp Business API से Meta को पैसे मिलते हैं क्योंकि बिजनेस द्वारा भेजे गए मैसेज पर चार्ज लिया जाता है। AI बोट्स के कारण Meta को ज्यादा फायदा नहीं हो रहा था। अब नए नियम से Meta अपनी प्लेटफॉर्म पर नियंत्रण और कमाई दोनों बनाए रख सकेगा। जनवरी 2026 से नए नियम लागू होंगे। उसके बाद WhatsApp पर सिर्फ Meta का खुद का AI असिस्टेंट ही काम करेगा। तीसरे पक्ष के AI बोट्स अब WhatsApp पर उपलब्ध नहीं रहेंगे। इसका मतलब WhatsApp पर AI से चैट करने के लिए अब केवल Meta का बोट ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।