Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Sep 24, 2025, 04:26 PM (IST)
YouTube
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YouTube ने अपनी कंटेंट मॉडरेशन नीति में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी अब कोविड-19 और चुनाव संबंधी गलत जानकारी (misinformation) के कारण बैन किए गए क्रिएटर्स को फिर से प्लेटफॉर्म पर लौटने का मौका दे रही है। मार्च 2020 में YouTube ने कोविड और चुनावी गलत जानकारी फैलाने वाले कंटेंट के खिलाफ सख्त नियम लागू किए थे। इसके तहत कई क्रिएटर्स को बैन किया गया और उनके चैनल को बंद कर दिया गया, लेकिन अब Alphabet, YouTube की पैरेंट कंपनी, ने कहा है कि जो चैनल पुराने नियमों के कारण बंद हुए थे, वे फिर से एक्टिंव होने के लिए आवेदन कर सकते हैं। और पढें: Coronavirus: CoWIN के जरिए कैसे बुक करें Booster Jab? यहां जानें स्टेप-बायस्टेप प्रोसेस
Alphabet ने अमेरिकी हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी को लिखे पत्र में बताया कि अब YouTube उन चैनल्स को दोबारा प्लेटफॉर्म पर आने का मौका देगा, जो उन नियमों के तहत बैन हुए थे, जो अब लागू नहीं हैं। यह बदलाव उस समय से बढ़ती आलोचना के बीच आया है, जब कई कंजर्वेटिव सांसदों ने टेक कंपनियों पर “राइट-लीनिंग आवाजों को दबाने” का आरोप लगाया था। कंपनी ने इसे “फ्री स्पीच और कंटेंट मॉडरेशन में नई सोच” के रूप में बताया।
2020 में कोविड महामारी और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान YouTube ने अपनी नियमों को और कड़ा कर दिया था। इस नीति के तहत कई हाई-प्रोफाइल चैनल जैसे कि डैन बॉन्गिनो और स्टीव बैनन के चैनल्स को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया था। अब Alphabet ने कहा है कि जो भी क्रिएटर्स उन नियमों के कारण बैन हुए थे, उन्हें “फिर से जुड़ने का अवसर” मिलेगा।
हालांकि YouTube ने कहा है कि नए बदलाव के बाद भी हानिकारक या गलत कंटेंट पर नियम लागू रहेंगे। अब प्लेटफॉर्म फैक्ट-चेकर्स को कंटेंट चेक करने या लेबल लगाने का अधिकार नहीं देगा। इसके बजाय यूजर्स ही नोट्स, जानकारी वाले पैनल और संदर्भ लेबल की मदद से कंटेंट के बारे में जानकारी शेयर कर सकेंगे। Meta और Elon Musk की X जैसी कंपनियां भी इसी तरह की नीति अपना रही हैं, जहां तीसरे पक्ष के फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम की जगह यूजर कम्युनिटी और क्राउडसोर्स्ड सिस्टम का इस्तेमाल होगा। इस बदलाव के बाद पहले बैन हुए कई YouTube क्रिएटर्स के लिए नए अवसर खुलेंगे। कंपनी का कहना है कि यह कदम प्लेटफॉर्म पर कंटेंट की विविधता बढ़ाने और फ्री स्पीच को बढ़ावा देने के लिए है। साथ ही पुराने नियमों के तहत किए गए बैन पर अब दोबारा समीक्षा का मौका मिलेगा।