
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jul 30, 2025, 01:09 PM (IST)
YouTube
YouTube एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम ला रहा है जो यह पता लगा सकेगा कि कोई यूजर 18 साल से कम उम्र का है या नहीं अगर उसने साइनअप करते समय झूठी उम्र लिखी हो। यह फीचर 13 अगस्त से अमेरिका में टेस्टिंग के तौर पर शुरू किया जाएगा और फिर धीरे-धीरे बाकी देशों में लॉन्च किया जाएगा। इस कदम का मकसद बच्चों को ऑनलाइन खतरनाक और अनुचित कंटेंट से बचाना है। दुनिया भर की सरकारें अब टेक कंपनियों पर दबाव बना रही हैं कि वे बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर ज्यादा जिम्मेदारी लें।
YouTube का यह AI सिस्टम कई तरह के संकेतों से यूजर की उम्र का अनुमान लगाएगा। इसमें देखा जाएगा कि यूजर कौन से वीडियो सर्च करता है, किस तरह का कंटेंट देखता है और उसका अकाउंट कब बना था। अगर सिस्टम को लगता है कि कोई यूजर 18 साल से कम उम्र का है, तो वह अपने आप उस यूजर के लिए सुरक्षा फीचर्स ऑन कर देगा चाहे उसने प्रोफाइल में झूठी उम्र ही क्यों न डाली हो।
JUST IN – YouTube will begin using AI to monitor user behavior and psychology to determine whether viewers in the U.S. are over or under the age of 18. pic.twitter.com/uYNO1QwQje
— Disclose.tv (@disclosetv) July 29, 2025
जिन यूजर्स को AI सिस्टम टीनेजर मानेगा, उनके लिए YouTube कुछ सुरक्षा नियम लागू करेगा। इनमें age-limited वीडियो को ब्लॉक करना, पर्सनलाइज्ड ऐड्स बंद करना, “ब्रेक लेने” की नोटिफिकेशन दिखाना और बॉडी इमेज जैसे संवेदनशील विषयों पर की वीडियो शामिल है। साथ ही जब भी ऐसे यूजर कोई वीडियो अपलोड करें या कमेंट करें, तो उन्हें प्राइवेसी रिमाइंडर भी दिखाया जाएगा।
अगर किसी यूजर को लगता है कि उसे गलत तरीके से माइनर माना गया है, तो वह अपनी असली उम्र साबित कर सकेगा। इसके लिए यूजर को गवर्नमेंट ID अपलोड करनी होगी, क्रेडिट कार्ड से वेरिफिकेशन करना होगा या एक सेल्फी लेकर भेजनी होगी। YouTube ने यह भी कहा है कि इस फीचर से कुछ क्रिएटर्स की टीनएज ऑडियंस कम हो सकती है, जिससे उनके ऐड रेवेन्यू में हल्की गिरावट आ सकती है। लेकिन कंपनी का मानना है कि ज्यादातर क्रिएटर्स पर इसका असर बहुत कम होगा।