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Vivo और iQOO होंगे मर्ज! चीनी कंपनी ने इस वजह से लिया बड़ा फैसला

Vivo जल्द ही अपने सब ब्रांड iQOO को अपने साथ मर्ज कर सकता है। वीवो और iQOO की टॉप मैनेजमेंट ने यह बड़ा फैसला लिया है। इन दोनों चीनी ब्रांड्स के मर्ज होने के बाद बिजनेस भी एक हो जाएगी।

Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: Mar 29, 2023, 04:46 PM (IST)

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Highlights

  • Vivo और iQOO जल्द मर्ज हो सकते हैं।
  • वीवो की टॉप मैनेजमेंट टीम जल्द यह फैसला ले सकती है।
  • चीनी कंपनी अपना बिजनेस साथ में मर्ज करेगी।
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Vivo जल्द अपने सब ब्रांड iQOO को मर्ज कर सकता है। सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कंपनी iQOO को मर्ज करने की तैयारी कर रही है, ताकि इसके बिजनेस ऑपरेशन पर लगने वाले खर्च में कमी किया जा सके। साथ ही, ब्रांड अपने क्षमता को बढ़ा सके। 36Kr की रिपोर्ट के मुताबिक, Vivo और iQOO अपने R&D के लिए कई रिसोर्स, सप्लाई चेन और मीडिया प्रोकरमेंट शेयर कर रहे हैं, लेकिन ये दोनों ब्रांड्स प्लानिंग, मीडिया स्ट्रेटेजी और ई-कॉमर्स इंडिपेंडेंटली ऑपरेट करते हैं। दोनों ब्रांड के मर्ज हो जाने के बाद इन दोनों कंपनियों के रिसोर्स एक हो जाएंगे और इन्हें प्लानिंग और मीडिया स्ट्रेटेजी के लिए अलग-अलग खर्च नहीं करना होगा। news और पढें: 6000mAh बैटरी और 50MP कैमरे वाले iQOO फोन को 557 रुपये प्रति माह पर लाएं घर, अभी लपकें Cracker Deal

रिपोर्ट के मुताबिक, iQOO की ब्रांडिंग और ऑनलाइन बिजनेस टीम को Vivo के मौजूदा टीम के साथ पहले मर्ज किया जाएगा। हालांकि, यह अभी साफ नहीं है कि iQOO अपना अलग बिजनेस यूनिट रखेगा या नहीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वीवो की सीनियर मैनेजमेंट टीम ने iQOO के इंडिपेंडेंट स्टोर और काउंटर्स को हटाने का फैसला किया गया है। news और पढें: iQOO यूजर्स के लिए खुशखबरी, Service Day की हुई घोषणा, मुफ्त में मिलेगा बैक केस और प्रोटेक्टिव फिल्म

इस वजह से होगा मर्जर

CINNO रिसर्च के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक चीनी मार्केट में मौजूद पांच मेनस्ट्रीम स्मार्टफोन ब्रांड्स की ग्रोथ जनवरी 2023 में निगेटिव रही है। इन ब्रांड्स की ग्रोथ पिछले साल के मुकाबले 4.2 प्रतिशत से लेकर 23.5 प्रतिशत तक कम हुई है। Android स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों में Xiaomi की सेल ओवरऑल निगेटिव ग्रोथ के मुकाबले सबसे कम रही है।

OPPO, Honor और Vivo (iQOO को हटाकर) की सेल में पिछले साल के मुकाबले भारी कमी देखी गई है। इन तीनों कंपनियों की ग्रोथ में क्रमशः 13.5 प्रतिशत, 19.2 प्रतिशत और 23.5 प्रतिशत की कमी आई है। चीनी बाजार में Vivo पांचवा सबसे बड़ा ब्रांड है।

Vivo और iQOO के मर्ज होने के बाद चीनी कंपनी के ऑपरेशन पर लगने वाले खर्च में कमी आएगी। साथ ही, मार्केट में कंपनी की कम्पीटिटिव पोजीशन भी सुधरेगी। हालांकि, अभी यह देखना है कि किस तरह से आने वाले समय में ये दोनों कंपनियां साथ मिलकर स्ट्रेटेजी बनाते हैं। Vivo और iQOO की तरफ से फिलहाल इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। Vivo और iQOO का यह मर्जर केवल चीनी मार्केट के लिए होगा या फिर ग्लोबल लेवल पर भी यह किया जाएगा, यह भी अभी साफ नहीं है।