
SIM Card के जरिए साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। साइबर फ्रॉड के तेजी से बढ़ते मामलों को रोकने के लिए बल्क में सिम कार्ड खरीदने पर पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी कर दी है। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि सिम कार्ड बेचने वाले डीलर्स को बिना पुलिस वेरिफिकेशन के सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। पिछले दिनों दूरसंचार विभाग और कई राज्यों की पुलिस ने मिलकर 67 हजार से ज्यादा सिम कार्ड डीलर्स को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। दूरसंचार विभाग ने बड़ा ऐक्शन करते हुए 50 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर को भी ब्लॉक किया है और 10 लाख से ज्यादा मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने की तैयारी की जा रही है।
केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ने डिजिटल फ्रॉड की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए SIM Card डीलर्स का वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया है। यही नहीं, सरकार ने बल्क में कनेक्शन जारी करने का प्रावधान भी खत्म कर दिया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा है कि सिम कार्ड डीलर्स को अब पुलिस वेरिफिकेशन कराने की जरूरत होगी। सिम कार्ड डीलर्स का वेरिफिकेशन टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा करवाया जाएगा। जो कंपनी इसका उल्लंघन करती है, उसे 10 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।
इसके अलवाा केन्द्रीय मंत्री ने प्रिंटेड आधार कार्ड के मिसयूज को रोकने के लिए डेमोग्राफिक डिटेल्स कैप्चर करना भी अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए प्रिंटेड आधार कार्ड के QR कोड को स्कैन करना होगा। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, इस समय देश में 10 लाख सिम कार्ड डीलर्स मौजूद हैं, जिन्हें पुलिस वेरिफिकेशन के लिए सरकार पर्याप्त समय देगी। इसके अलावा सिम कार्ड को बंद करने के नियमों में बदलाव हुआ है। आइए, जानते हैं नए नियमों के बारे में…
Author Name | Harshit Harsh
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