Written By Ashutosh Ojha
Edited By: Ashutosh Ojha | Published By: Ashutosh Ojha | Published: Aug 22, 2025, 02:40 PM (IST)
भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। संसद ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल 2025 पास किया है, जिसके बाद देश की फेमस रियल-मनी गेमिंग (RMG) कंपनियों ने अपने सभी पेड गेम और कैश कॉन्टेस्ट बंद कर दिए हैं। इस बिल के मुताबिक अब ऐसे सभी ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगा दी गई है जिनमें खिलाड़ी पैसे जमा करते हैं और इनाम जीतने की उम्मीद रखते हैं। इसमें Dream11, MPL, Gameskraft और Zupee जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। हालांकि सरकार ने यह भी साफ किया है कि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि लोग मनोरंजन के साथ सुरक्षित गेमिंग का आनंद उठा सकें। और पढें: संसद ने Online Gaming Bill पास किया, सभी रियल मनी गेम्स पर लगेगा प्रतिबंध
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत की सबसे बड़ी फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी Dream11 ने अपनी वेबसाइट और ऐप पर घोषणा की है कि अब सभी ‘pay to play’ कॉन्टेस्ट बंद कर दिए गए हैं। कंपनी ने कहा कि खिलाड़ियों के खाते में जो भी बैलेंस है, वह सुरक्षित रहेगा और आसानी से निकाला जा सकेगा। ड्रीम स्पोर्ट्स ने हाल ही में लॉन्च किए गए अपने नए ऐप्स Dream Picks और Dream Play पर भी सभी कैश गेम रोक दिए हैं। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही यह कानून राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू होगा Dream11 अपने मेन ऐप पर भी पेड कॉन्टेस्ट को बंद कर देगा। हालांकि Dream11 भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य स्पॉन्सर भी है और अब इस स्पॉन्सरशिप पर भी संकट खड़ा हो गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, MPL ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि उसने भारत में सभी मनी गेम्स को रोक दिया है। कंपनी ने साफ किया कि अब नए डिपॉजिट नहीं लिए जाएंगे लेकिन यूजर्स अपने पैसे आसानी से निकाल सकेंगे। बता दें 60 से ज्यादा गेम्स ऑफर करने वाला MPL ने कहा कि उसका लक्ष्य हमेशा से दुनिया का सबसे बड़ा कॉम्पिटेटिव गेमिंग प्लेटफॉर्म बनना रहा है, चाहे बिजनेस मॉडल कैसा भी हो। इसी तरह बेंगलुरु स्थित Gameskraft ने अपने Rummy Games जैसे RummyCulture पर ‘Add Cash’ और ‘Gameplay Service’ बंद कर दी है, जबकि withdrawal की सुविधा जारी रहेगी। Zupee ने भी अपने सभी पेड गेम रोक दिए हैं लेकिन फ्री गेम्स जैसे लूडो सुप्रीम, स्नेक्स एंड लैडर्स और ट्रंप कार्ड मैनिया यूजर्स के लिए उपलब्ध रहेंगे।
ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि नए कानून के खिलाफ कई गेमिंग कंपनियां और उद्योग से जुड़े संगठन सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने उनसे ठीक से बात किए बिना यह फैसला ले लिया। इस वजह से करोड़ों खिलाड़ियों और हजारों कर्मचारियों पर बुरा असर पड़ेगा। कुछ कंपनियों का मानना है कि पोकर और रमी जैसे गेम्स किस्मत पर नहीं, बल्कि दिमाग और स्किल पर आधारित होते हैं, इसलिए इन्हें पूरी तरह बैन करना सही नहीं है। नए कानून में कैश गेम्स का एडवरटाइजमेंट भी रोक दिया गया है और बैंकों को ऐसे गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के पैसों का लेन-देन बंद करने का आदेश दिया गया है। अगर कोई कंपनी इस नियम को तोड़ती है तो उसे भारी जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है।
Note: ये खबर मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है Techlusive इसकी पुष्टि नहीं करता।