
Facebook और Instagram की पैरेंट कंपनी Meta पर बड़ा जुर्माना लगने वाला है। कंपनी को डेली 1 लाख डॉलर यानी लगभग 82 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। कंपनी पर प्राइवेसी उल्लंघन का आरोप लगा है। जब तक कंपनी यूजर डेटा प्राइवेसी उल्लंघन को रोकने के लिए कोई ऐक्शन प्लान नहीं बनाती है, तब तक उसे यह फाइन भरना होगा। मेटा पर यह जुर्माना नार्वे की डेटा प्रोटेक्शन ऑथिरिटी लगाएगी। अगर, कंपनी पर यह जुर्माना लग गया तो इसका असर अन्य यूरोपीय देशों में भी देखने को मिल सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नार्वे की नियामक मेटा पर यह जुर्माना 4 अगस्त से लेकर 3 नवंबर 2023 तक लगाएगी। इससे पहले कंपनी को यूजर डेटा प्राइेसी के उल्लंघन पर ऐक्शन लेना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा नार्वे के नागरिकों का डेटा नहीं एक्सेस कर सकती है, जिनमें यूजर का फिजिकल लोकेशन शामिल है। आम तौर पर मेटा या अन्य सोशल मीडिया कंपनी यूजर के लोकेशन का इस्तेमाल ऐड टारगेट करने के लिए करती हैं।
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नार्वे की ऑथिरिटी ने कहा है कि मेटा न सिर्फ यूजर के डेटा का इस्तेमाल करता है। बल्कि उसके फिजिकल लोकेशन का इस्तेमाल ऐडवर्टिजमेंट के जरिए रेवेन्यू कमाने के लिए करता है। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है और एक तरह का एडवर्टिजमेंट तरीका है। मेटा को हमे तत्काल रोकना होगा। हम अब और इंतजार नहीं कर सकते हैं।
मेटा ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि हम ऑथिरिटी के फैसले का रिव्यू करेंगे और अपनी सर्विसेज का इस पर कोई असर नही पड़ने देंगे। नार्वे की Datatilsynet ने यूरोपीय डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड को भी इस बार में रेफर किया है। यूरोपीया डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड की वजह से कंपनी पर और ज्यादा दबाब बनेगा।
नार्वे की ऑथिरिटी का यह फैसला यूरोपीय यूनियन के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि मेटा यूजर डेटा का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल नहीं कर सकती है। पिछले साल दिसंबर में आयरलैंड के रेगुलेटर (DPC) ने भी मेटा को ऐसा करने से मना किया था।
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