Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Dec 30, 2025, 05:19 PM (IST)
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भारत सरकार के Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया कंपनियों को एक बार फिर सख्त चेतावनी दी है। मंत्रालय ने कहा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील, आपत्तिजनक और गैरकानूनी कंटेंट को रोकना उनकी कानूनी जिम्मेदारी है। सोमवार को जारी इस ताजा एडवाइजरी में MeitY ने स्पष्ट किया कि यह कोई नया कानून नहीं है, बल्कि पहले से लागू नियमों की याद दिलाने के लिए जारी किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शालीनता और अश्लीलता से जुड़े कानूनों का सही तरीके से पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे समाज में चिंता बढ़ रही है अगर आगे भी लापरवाही जारी रही तो प्लेटफॉर्म मालिकों, इंटरमीडियरीज और यूजर्स पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
MeitY (Ministry of Information Technology) ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें IT Act 2000 और 2021 के नियमों (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) का जिक्र किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि सोशल मीडिया और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कुछ ऐसा कंटेंट देखा गया है जो कानून के खिलाफ है। यह जानकारी जनता की शिकायतों, चर्चाओं और अदालत की टिप्पणियों से मिली है। सरकार मानती है कि बोलने की आजादी जरूरी है लेकिन संविधान के तहत इस पर कुछ सीमाएं भी हैं, जिन्हें सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को मानना जरूरी है।
सरकार ने साफ कहा है कि कंटेंट मॉडरेशन का मतलब सिर्फ तब कार्रवाई करना नहीं है, जब कोई शिकायत करे। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को खुद भी ऐसे गलत कंटेंट को पहचानना और हटाना होगा। इसमें अश्लील और आपत्तिजनक बातें, गंदे वीडियो, बच्चों के यौन शोषण से जुड़ा कंटेंट और बच्चों के लिए नुकसानदायक शामिल है। IT Rules 2021 के अनुसार, सोशल मीडिया और दूसरे प्लेटफॉर्म्स को यह देखना होगा कि कोई भी यूजर इस तरह का गैरकानूनी कंटेंट अपलोड या शेयर न कर सके अगर कोर्ट या सरकार कंटेंट हटाने का आदेश देती है तो प्लेटफॉर्म्स को तय समय के अंदर उसे हटाना ही होगा खासतौर पर किसी की निजी तस्वीर या फर्जी वीडियो (Deepfake) की शिकायत मिलने पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करना जरूरी है।
MeitY ने कहा है कि अगर कोई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इन नियमों को नहीं मानता तो उसे IT Act की धारा 79 के तहत मिलने वाली कानूनी सुरक्षा खत्म हो सकती है। इसका मतलब है कि फिर उस प्लेटफॉर्म को अपने यूजर्स के कंटेंट की जिम्मेदारी खुद लेनी पड़ेगी। इसके बाद उस पर IT Act और भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से बचने के लिए मंत्रालय ने सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से कहा है कि वे अपनी नीतियों, कंटेंट हटाने की प्रक्रिया और शिकायत सुनने के सिस्टम की तुरंत जांच करें और उन्हें बेहतर बनाएं। सरकार का साफ कहना है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया को सुरक्षित, जिम्मेदार और कानून के मुताबिक रखना हर प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है।