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अंडमान और निकोबार आइलैंड बनेगा ग्लोबल इंटरनेट हब, अश्विनी वैष्णव ने किया बड़ा ऐलान

भारत अब बनेगा एशिया का इंटरनेट पॉवरहाउस, भारत सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को ग्लोबल इंटरनेट डेटा हब बनाने की बड़ी योजना का ऐलान किया है। आइए जानते हैं...

Edited By: Ashutosh Ojha | Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 15, 2025, 04:44 PM (IST)

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Union Minister of IT and Electronics अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ‘अंडमान और निकोबार द्वीप समूह’ को ‘ग्लोबल इंटरनेट डेटा हब’ बनाने की योजना पर काम कर रही है। उनका कहना है कि अंडमान का भौगोलिक स्थान बहुत खास है क्योंकि यह दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और बाकी देशों से सीधे जुड़ सकता है। अश्विनी वैष्णव ने ‘India AI Power’ कार्यक्रम में कहा, ‘हम अंडमान को अगला बड़ा इंटरनेट डेटा ट्रांसफर हब क्यों नहीं बना सकते? यह जगह गूगल जैसी बड़ी कंपनियों के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच आसान बना सकती है।’ news और पढें: Google का भारत में बड़ा कदम, आंध्र प्रदेश में बनाएगा AI हब और डेटा सेंटर

पूर्वोत्तर भारत को बेहतर इंटरनेट से कैसे जोड़ा जाएगा?

अपने भाषण में अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अंडमान से म्यांमार और फिर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों तक एक पनडुब्बी (submarine) केबल लाइन बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कंपनियों से कहा कि वे विशाखापट्टनम (विजाग) से सिट्टवे (म्यांमार) तक केबल बिछाने का काम शुरू करें, ताकि इंटरनेट कनेक्शन और मजबूत हो सके। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अभी जो इंटरनेट कनेक्शन रेलवे नेटवर्क और रेलटेल के जरिए मिलता है, उसे और बेहतर बनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि मिजोरम के सैरांग तक रेललाइन बिछ चुकी है और प्रधानमंत्री ने इसे म्यांमार की सीमा तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसी रास्ते पर सिट्टवे से म्यांमार बॉर्डर तक एक हाईवे भी बनाया जा रहा है। news और पढें: Google Maps की छुट्टी करेगाा Mappls भारत का अपना स्वदेशी ऐप, कठिन चौराहों का मिलेगा 3D जंक्शन व्यू

गूगल का भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश क्यों खास है?

इसी कार्यक्रम में एक और बड़ी घोषणा हुई, जब टेक कंपनी गूगल ने भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बताई। यह निवेश आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हब और बड़ा डेटा सेंटर बनाने के लिए होगा। इस प्रोजेक्ट में गूगल और अडानी ग्रुप मिलकर काम करेंगे। यह डेटा सेंटर बहुत बड़ी क्षमता वाला होगा, जिससे भारत में AI से जुड़े कामों की रफ्तार और ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। news और पढें: हर भारतीय के लिए खुशखबरी, आएगा AI safety framework, डीपफेक वीडियो पर लगेगी लगाम

एयरटेल और यह प्रोजेक्ट भारत के डिजिटल भविष्य को कैसे बदलेगा?

गूगल के इस प्रोजेक्ट में भारती एयरटेल भी शामिल होगी। एयरटेल विशाखापट्टनम में एक आधुनिक Cable Landing Station (CLS) स्थापित करेगी, जहां गूगल के नए अंतरराष्ट्रीय अंडरसी केबल्स को लैंड किया जाएगा। साथ ही एयरटेल तेज और सुरक्षित फाइबर नेटवर्क बनाएगी, जो शहरों और राज्यों के बीच डेटा ट्रांसफर को और मजबूत करेगा। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ भारत की डिजिटल क्षमता बढ़ेगी बल्कि अंडमान, पूर्वोत्तर राज्यों और दक्षिण भारत के लिए बेहतर इंटरनेट, बेहतर AI सेवाएं और ग्लोबल डेटा ट्रांजिट का केंद्र बनने का मार्ग भी खुलेगा। यह पहल भारत को डिजिटल वर्ल्ड की अगली बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।