
Written By Ashutosh Ojha
Edited By: Ashutosh Ojha | Published By: Ashutosh Ojha | Published: Oct 07, 2025, 01:08 PM (IST)
Google AI Bug Bounty
Google ने अपना नया AI बग बाउंटी प्रोग्राम शुरू किया है। इसमें कंपनी उन लोगों को बुला रही है जो उसके AI वाले प्रोडक्ट्स में कोई कमजोरी या गलती ढूंढ सकें। इस प्रोग्राम में Google Search, Gemini Apps और Workspace जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं। अगर कोई रिसर्चर या ethical hacker कोई बड़ा खतरा या बग ढूंढता है तो Google उसे $30,000 (26.62 लाख रुपए) तक का इनाम दे सकता है। यह प्रोग्राम Google के पुराने सुरक्षा इनाम प्रोग्राम का हिस्सा है, लेकिन अब पूरा ध्यान AI की सुरक्षा पर है। Google चाहता है कि ऐसे बग और खतरनाक चीजें सर्च की जाएं, जो AI अनचाहे तरीके से कर सकता है जैसे…
Google ने स्पष्ट किया है कि किस तरह के बग्स की तलाश की जा रही है। उदाहरण के लिए, कोई हैकर Google Home को धोखे से स्मार्ट डोर खोलने के लिए ट्रिक कर सकता है या Gmail को किसी की ईमेल्स का समरी बनाकर किसी तीसरे पक्ष को भेजने के लिए निर्देशित कर सकता है। ऐसे हाई-रिस्क एक्सप्लॉइट्स Google को वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल होने से पहले ढूंढने की जरूरत है। हालांकि Google ने यह भी साफ किया कि सिर्फ Gemini या किसी बाकी AI मॉडल के हल्लुसिनेशन (गलत या अजीब जवाब देना) को बग नहीं माना जाएगा। कंटेंट से जुड़ी समस्याएं जैसे कि नफरत फैलाने वाला या कॉपीराइट सामग्री, सीधे प्रोडक्ट में फीडबैक टूल्स के जरिए रिपोर्ट करनी चाहिए, ताकि AI को सही ढंग से ट्रेन किया जा सके।
अगर आप Google के प्रोडक्ट जैसे Search, Gemini Apps, Gmail और Drive में कोई गलती या बग ढूंढते हैं, तो आपको सबसे ज्यादा $20,000 (17.8 लाख रुपए) तक इनाम मिल सकता है। अगर आपकी रिपोर्ट बहुत अच्छी और नई हो तो बोनस के तौर पर $30,000(26.62 लाख रुपए) तक भी मिल सकता है। बाकी टूल्स जैसे NotebookLM या टेस्टिंग वाले AI असिस्टेंट Jules में बग मिलने पर भी छोटे लेकिन अच्छे इनाम मिल सकते हैं। Google ने बताया कि यह कदम इसलिए है ताकि उसके AI सिस्टम और सुरक्षित बने क्योंकि अब AI उनके कई प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल हो रहा है। पिछले दो सालों में रिसर्चर्स ने AI से जुड़े जोखिम ढूंढकर $430,000 से ज्यादा कमाई भी कर ली थी, जबकि यह प्रोग्राम तब आधिकारिक रूप से शुरू नहीं हुआ था।
Google ने नए बग बाउंटी प्रोग्राम के साथ एक टूल भी लॉन्च किया है, जिसका नाम है CodeMender, यह AI टूल ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर में मौजूद सुरक्षा की खामियों को ढूंढकर उन्हें ऑटोमैटिक रूप से ठीक करता है। अब तक CodeMender ने 70 से अधिक Verified Problems को पैच किया है, जिन्हें मानव जांचकर्ताओं ने भी देखा और सही माना। Google का कहना है कि यह दिखाता है कि AI सिर्फ खतरा नहीं है, बल्कि टेक्नोलॉजी को सुरक्षित बनाने में भी मदद कर सकता है।