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Gaganyaan Mission की पहली टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग टली, ISRO चीफ ने बताई वजह

गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट TV D1 की लॉन्चिंग आज के लिए टाल दी गई है। इसरो चीफ ने ऑटोमैटिक लॉन्चिंग सिस्टम में आई वजहों की जांच करने की बात कही है और इसकी टेस्टिंग की नई डेट की घोषणा बाद में होगी।

Published By: Harshit Harsh

Published: Oct 21, 2023, 09:16 AM IST

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Story Highlights

  • इसरो ने गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग टाल दी।
  • इसरो चीफ एस सोमनाथ ने इस लॉन्चिंग को टालने की वजह बताई।
  • इसकी जांच की जाएगी और नई लॉन्च डेट जल्द घोषित की जाएगी।

Gaganyaan Mission की पहली टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग टाल दी गई है। इस टेस्ट वीकल को आज यानी 21 अक्टूबर सुबह 8 बजे लॉन्च किया जाना था, लेकिन इसकी लॉन्चिंग सुबह 8:45 बजे रीशेड्यूल की गई। टेस्ट वीकल की लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन शुरू होने के बाद महज 5 सेकेंड पहले यह होल्ड पर चला गया। जिसके तुरंत बाद इसरो चीफ ने इसकी लॉन्चिंग आज के लिए टालने की बात कही और कहा कि ऑटोमैटिक लॉन्च सिस्टम में क्या दिक्कत आई, इसकी जांच की जाएगी। साथ ही, यह भी बताया कि गगनयान मिशन की पहली टेस्ट वीकल पूरी तरह सुरक्षित है और जल्द इसकी लॉन्चिंग रीशेड्यूल की जाएगी।

ISRO चीफ ने क्या कहा?

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, “गगनयान मिशन के टेस्ट वीकल TV D1 का लिफ्टऑफ (Liftoff) आज नहीं हो सका। इसका लिफ्ट टाइम पहले से 21 अक्टूबर सुबह 8 बजे के लिए शेड्यूल था, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग सुबह 8:45 बजे के लिए रीशेड्यूल किया गया। हमारे पास एक बहुत ही स्मूथ ऑटोमैटिक कमांड सिस्टम है, जो इसकी लिफ्ट-अप प्रक्रिया को अंजाम दे रहा था, लेकिन इसका इंटिग्रेशन नहीं हो सका। हमें इसकी वजहों की जांच करनी है। टेस्ट वीकल सुरक्षित है, हम उसके पास जाएंगे और पता करने की कोशिश करेंगे कि क्या हुआ? हम यह जांच करेंगे कि किस वजह से ऑटोमैटिक सिस्टम ने इसकी लॉन्चिंग को होल्ड किया। हम यह भी पता लगाएंगे कि इस प्रक्रिया में लगे कम्प्यूटर सिस्टम में क्या हुआ, जिसकी वजह से इसे होल्ड किया गया। हम इसकी जांच पूरा करने के बाद जल्द ही टेस्ट वीकल की लॉन्चिंग दोबारा शेड्यूल करेंगे। इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।”

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क्या है TV D1 टेस्ट फ्लाइट?

इसरो के गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट को भेजकर क्रू एस्केप सिस्टम (Crew Escape System) यानी अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्षयात्रियों के सुरक्षित निकलने की प्रक्रिया को टेस्ट किया जाएगा। गगनयान मिशन का यह टेस्ट फ्लाइट धरती की कक्षा से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में इस एस्केप सिस्टम को टेस्ट करेगा। इसमें अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों को किस तरह अंतरिक्ष से उतारकर बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित लैंड कराया जा सकेगा, उसे परखा जाएगा। इस टेस्टिंग के बाद गगनयान मिशन के तहत इसरो अंतरिक्ष में पहली बार मानव को भेजेगा। इसरो ने इस टेस्ट वीकल डेवलपमेंट फ्लाइट (TV-D1) को क्रू मेंबर के आउटर स्पेस में जाने के बाद धरती पर वापस लौटने के लिए डिजाइन किया है ताकि अतंरिक्ष में जाने के बाद यात्रियों को वापस सुरक्षित बंगाल की खाड़ी में उतारा जा सके।

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Author Name | Harshit Harsh

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