
Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Jul 23, 2025, 03:01 PM (IST)
China Secret AI Project
एक चौंकाने वाली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन एक सीक्रेट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसमें इंसान और मशीन को एक साथ जोड़ा जा रहा है। इसका मकसद है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में दुनिया भर पर राज करना। यह सिर्फ स्मार्टफोन या रोबोट की बात नहीं है, बल्कि चीन इंसान के दिमाग और मशीन को एक साथ जोड़ने की कोशिश में है। वॉशिंगटन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिशन के जरिए चीन “ब्रेन-कंप्यूटर फ्यूजन” यानी इंसानी दिमाग और कंप्यूटर को एक ही सिस्टम बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
इस पूरे रिसर्च का आधार है “ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस” (BCI), जिसमें इंसानी दिमाग से निकलने वाली तरंगों को सीधे कंप्यूटर से जोड़ा जाता है। मतलब आप कुछ सोचें और कंप्यूटर उसे बिना टाइप किए ही समझ जाए। लेकिन चीन का मकसद इससे कहीं आगे है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट बताती है कि चीन तीनों तरह की BCI टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है इनवेसिव (शरीर में डिवाइस लगाना), सेमी-इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव (बिना शरीर में डाले)। इन टेक्नोलॉजी के जरिए इंसान और मशीन को एक टीम की तरह काम करने लायक बनाया जा रहा है।
जहां अमेरिका की कंपनियां जैसे OpenAI और Meta बड़े-बड़े AI मॉडल बना रही हैं, वहीं चीन एक अलग रास्ता अपना रहा है। पश्चिमी देशों की चिप पर पाबंदी के चलते, चीन अब ऐसे ब्रेन-इंस्पायर्ड सिस्टम पर रिसर्च कर रहा है, जो कम डेटा और कम बिजली में काम कर सके। 2018 में अमेरिका के दो भाई, बिजान और सईद तदायोन, जो “कॉग्निटिव एक्सप्लेनेबल AI” पर काम कर रहे थे, चीन की नजरों में आ गए। उनकी टेक्नोलॉजी इतनी खास थी कि चीन ने 30 मिलियन डॉलर देकर उनकी कंपनी में 20% हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की थी।
इस रिसर्च का मतलब है ऐसा भविष्य बनाना, जहां इंसान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिर्फ साथ काम ना करें, बल्कि एक-दूसरे का हिस्सा बन जाएं। टियांजिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डोंग मिंग कहते हैं कि आने वाले समय में AI इंसान की जगह नहीं लेगा, बल्कि इंसान के साथ मिलकर काम करेगा जैसे वो उसका एक हिस्सा हो। सोचिए जब मशीनें हमारे शरीर और दिमाग का हिस्सा बन जाएंगी। यह बात किसी को हैरान कर सकती है, तो किसी को डर भी लग सकता है। लेकिन एक बात साफ है चीन सिर्फ स्मार्ट मशीनें नहीं बना रहा, बल्कि एक ऐसी दुनिया की तैयारी कर रहा है जहां इंसान और मशीन में फर्क करना मुश्किल हो जाएगा।