Written By Ashutosh Ojha
Published By: Ashutosh Ojha | Published: Dec 08, 2025, 05:19 PM (IST)
Airtel & Google Launch RCS Messaging in India
भारत में डिजिटल कम्युनिकेशन अब एक बड़ा बदलाव देखने वाला है, क्योंकि Bharti Airtel ने Google के साथ हाथ मिलाकर अपने नेटवर्क पर RCS (Rich Communication Services) मैसेजिंग शुरू करने का फैसला किया है। RCS को SMS का नया और बेहतर रूप माना जाता है, जिसमें चैटिंग एक्सपीरियंस कुछ-कुछ WhatsApp जैसा मिलता है जैसे फोटो भेजना, बड़े मैसेज, रीड रिसीट वगैरह। Airtel पिछले एक साल से RCS को अपने नेटवर्क पर लाने में हिचकिचा रहा था, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे स्पैम मैसेज बढ़ सकते हैं और यूजर्स की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है लेकिन अब Google ने Airtel की बात मानते हुए RCS में अपना AI वाला स्पैम फिल्टर जोड़ने की मंजूरी दे दी है। इसी वजह से अब दोनों कंपनियों की ये पार्टनरशिप फिर से शुरू हो पाई है। और पढें: WhatsApp के Meta AI को टक्कर देने जल्द आ रहा है Arattai में Zia AI, Zoho CEO मणि वेंबु ने दी बड़ी जानकारी
इस नई में Airtel हर RCS मैसेज पर 0.11 रुपये लेगा। इसमें कमाई का 80% हिस्सा Airtel को और 20% Google को मिलेगा। RCS मैसेजिंग में रीड रिसीट, ग्रुप चैट, लोकेशन भेजना, फाइल शेयर करना और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन जैसे फीचर्स मिलेंगे। यही वजह है कि यह पुराने SMS से ज्यादा आधुनिक और सुरक्षित माना जा रहा है। इससे पहले Jio और Vodafone Idea, दोनों ही Google के साथ RCS चला रहे थे लेकिन Airtel के नहीं जुड़ने से इसका पूरा रोलआउट अधूरा रह गया था। अब जब तीनों बड़ी टेलीकॉम कंपनियां साथ आ गई हैं, तो माना जा रहा है कि RCS भारत में WhatsApp को अच्छी टक्कर दे सकता है, खासकर बिजनेस मैसेजिंग में।
अब अगला बड़ा कदम यह होगा कि सभी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां अपने RCS को एक-दूसरे से जोड़ दें। मतलब अगर एक यूजर Airtel पर है और दूसरा Jio पर तो दोनों के बीच RCS मैसेजिंग बिना किसी दिक्कत के चल सके। ऐसा होने पर, कंपनियां RCS के लिए भी इंटरकनेक्ट चार्ज (IUC) जैसा नया सिस्टम बना सकती हैं जैसा पहले कॉल और SMS के लिए होता था। विशेषज्ञ कहते हैं कि RCS एक GSMA स्टैंडर्ड है और इसे दुनियाभर में टेलीकॉम कंपनियां ही कंट्रोल करती हैं। इसकी कीमतें और नियम वही तय करते हैं, कोई सरकारी रेगुलेटर नहीं। Google सिर्फ एक प्लेटफॉर्म की तरह काम करता है, पूरा कंट्रोल टेलीकॉम ऑपरेटर्स के पास रहता है। RCS की बढ़ती मांग और इसकी ज्यादा सुरक्षित मैसेजिंग के कारण माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह SMS की तरह एक बड़ा बिजनेस बन सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत का CPaaS (Communication-Platform-As-A-Service) मार्केट 2025 में करीब 1.01 बिलियन डॉलर का होगा। यह 2030 तक बढ़कर 3.06 बिलियन डॉलर पहुंच सकता है। Gartner का कहना है कि आने वाले समय में WhatsApp और RCS मिलकर भारत के कमर्शियल मैसेजिंग मार्केट का लगभग आधा हिस्सा अपने पास ले लेंगे, जिसकी कुल कीमत करीब 1.6 बिलियन डॉलर होगी। Omdia और Infobip की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ RCS ही 2029 तक भारत में 544 मिलियन डॉलर की कमाई कर सकता है और करीब 21 बिलियन RCS मैसेज भेजे जाएंगे। यह एशिया और ओशिनिया क्षेत्रों में होने वाली कुल RCS कमाई का लगभग 25% होगा। Airtel और Google की यह नई पार्टनरशिप भारत को मैसेजिंग टेक्नोलॉजी के एक नए दौर में ले जाएगी जहां बातचीत, बिजनेस और कम्युनिकेशन पहले से ज्यादा तेज, सुरक्षित और आधुनिक होंगे।