Written By Manisha
Published By: Manisha | Published: Sep 07, 2023, 05:04 PM (IST)
Pic Credit- ISRO
Aditya L-1 selfie: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद Indian Space Research Organisation (ISRO) ने 2 सितंबर को Aditya L-1 मिशन लॉन्च किया था। इस मिशन का उद्देश्य सूर्य पर अध्ययन करना है। अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते हुए आदित्य एल-1 ने धरती पर एक सेल्फी भेजी है। इसका एक वीडियो बनाकर इसरो ने अपने ऑफिशियल X हैंडल पर शेयर किया है। और पढें: Gaganyaan Mission में इंसान से पहले ‘हाफ-ह्यूमनॉइड Vyommitra’ जाएगा अंतरिक्ष में, क्या है इसके पीछे ISRO का मास्टरप्लान?
ISRO (Indian Space Research Organisation) ने अपने ऑफिशियल X (Twitter) हैंडल पर आज गुरुवार को एक लेटेस्ट वीडियो शेयर की है। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए इसरो ने जानकारी दी है कि यह तस्वीरें Aditya L-1 ने धरती पर भेजी है। एक तस्वीर में आदित्य एल-1 की सेल्फी देखने को मिल रही है, वहीं दूसरी तस्वीर में पृथ्वी और चांद को एक साथ देखा जा सकता है। और पढें: ISRO का बड़ा कारनामा, GSLV-F15 के साथ NVS-02 नेविगेशन सैटेलाइट की लॉन्च
Aditya-L1 Mission:
👀Onlooker!और पढें: National Space Day: आज ही के दिन क्यों मनाया जा रहा नेशनल स्पेस डे, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी
Aditya-L1,
destined for the Sun-Earth L1 point,
takes a selfie and
images of the Earth and the Moon.#AdityaL1 pic.twitter.com/54KxrfYSwy— ISRO (@isro) September 7, 2023
इसरो द्वारा शेयर किया गया यह वीडियो कुछ ही देर में वायरल हो गया है, जिसे अब-तक 1.1 मिलियन लोगों ने देख लिया है। इस वीडियो में आदित्य एल-1 द्वारा धरती और चांद की ली हुई तस्वीर भी शामिल हैं, जिसमें धरती के सामने चांद एक तारे की तरह चमकता दिख रहा है।
आपको बता दें, Aditya L1 भारत का पहला सोलर मिशन है, जो कि सूरज को स्टडी करेगा। इस मिशन Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV-C57) के जरिए 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था। L-1 लाग्रेंज प्वाइंट (Lagrange point) है, जहां रहकर आदित्य एल-1 लगातार सूरज हर गतिविधियों पर नजर रखने वाला है। यह प्वाइंट धरती से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। कहा जा रहा है कि इस प्वाइंट तक पहुंचने में एल-1 प्वाइंट को 127 दिन लगेंगे।
आदित्य एल-1 में 7 अलग-अलग पेलोड्स लगें है, जो कि सूरज का अध्ययन करने में मदद करेंगे। इस मिशन के उद्देश्यों की बात करें, तो यह सूर्य वायुमंडल की बनावट, इसके गर्म होने की प्रक्रिया, सौर विस्फोट के कारण को बारीकी से स्टडी करेगा। सूरज पर होने वाली गतिविधियों से पृथ्वी पर जो असर पड़ेगा, इसकी भी जानकारी आदित्य एल-1 धरती पर पहुंचाएगा।