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iPhone का 48MP कैमरा कैसे Android के 200MP कैमरे से है बेहतर? ये है असली वजह

क्या आप भी यही सोचते हैं कि जितना ज्यादा मेगापिक्सल होगा, उतनी ही ज्यादा बेहतर फोटो आएगी, लेकिन फिर भी क्यों iPhone का 48MP वाला कैमरा Android के 200MP से बेहतर है? आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Dec 16, 2025, 01:29 PM (IST)

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आज के समय में स्मार्टफोन खरीदते वक्त कैमरा सबसे अहम फीचर बन चुका है, लोग अक्सर कैमरा देखते ही सबसे पहले मेगापिक्सल की संख्या पर नजर डालते हैं। मार्केट में 50MP, 108MP और 200MP जैसे बड़े-बड़े नंबर देखने को मिलते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि जितना ज्यादा मेगापिक्सल, उतनी ही शानदार फोटो लेकिन सच्चाई इससे थोड़ी अलग है। मेगापिक्सल का मतलब फोटो में मौजूद कुल पिक्सल की संख्या से होता है। आसान भाषा में समझें तो 1 मेगापिक्सल बराबर 10 लाख पिक्सल के होता है ज्यादा पिक्सल का मतलब है कि फोटो का साइज बड़ा होगा और उसे क्रॉप करने पर डिटेल थोड़ी ज्यादा बच सकती है  लेकिन सिर्फ MP से ही फोटो की क्वालिटी तय नहीं होती।

क्या ज्यादा मेगापिक्सल होने से फोटो हमेशा बेहतर हो जाती है? 

असल में फोटो की क्वालिटी कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। कैमरा सेंसर का साइज कितना बड़ा है, लेंस कितनी अच्छी क्वालिटी का है, सॉफ्टवेयर फोटो को कैसे प्रोसेस करता है और लो-लाइट में कैमरा कैसा परफॉर्म करता है, ये सभी चीजें बहुत मायने रखती हैं। कई बार ज्यादा मेगापिक्सल वाला कैमरा छोटे सेंसर के साथ आता है, जिससे पिक्सल छोटे हो जाते हैं और कम रोशनी में फोटो में नॉइज बढ़ जाता है। वहीं कम मेगापिक्सल वाला कैमरा अगर बड़े और बेहतर सेंसर के साथ हो तो वह ज्यादा रोशनी कैप्चर कर सकता है और फोटो ज्यादा साफ और नेचुरल आती है। इसलिए सिर्फ मेगापिक्सल देखकर कैमरे को जज करना सही तरीका नहीं है।

कम मेगापिक्सल के बावजूद iPhone की फोटो इतनी अच्छी क्यों होती है?  

यही वजह है कि iPhone कम मेगापिक्सल के बावजूद शानदार तस्वीरें लेता है। Apple लंबे समय तक 12MP कैमरा इस्तेमाल करता रहा और अब नए मॉडल्स में 48MP सेंसर भी दिया जा रहा है। फिर भी iPhone की फोटो अक्सर ज्यादा शार्प, ब्राइट और कलर-एक्यूरेट नजर आती है। इसका सबसे बड़ा कारण iPhone का हाई-क्वालिटी कैमरा सेंसर है, जो ज्यादा लाइट कैप्चर करता है। इससे लो-लाइट में भी फोटो साफ आती है और डिटेल बनी रहती है। साथ ही Apple अपने कैमरा हार्डवेयर को सॉफ्टवेयर के साथ बहुत अच्छे से ट्यून करता है, जिससे हर फोटो बैलेंस्ड लगती है।

iPhone के कैमरे को खास बनाने में सॉफ्टवेयर की क्या भूमिका है?

iPhone की असली ताकत उसका सॉफ्टवेयर और इमेज प्रोसेसिंग है। Smart HDR, Deep Fusion और Neural Engine जैसी टेक्नोलॉजी फोटो लेते ही रियल-टाइम में उसे बेहतर बना देती हैं। चेहरे के कलर नेचुरल दिखें, आसमान का कलर ओवर-शार्प न लगे और रोशनी सही बैलेंस में रहे, इन सब पर Apple खास ध्यान देता है। इसके अलावा iPhone में इस्तेमाल होने वाले लेंस भी काफी प्रीमियम होते हैं, जो डिस्टॉर्शन कम करते हैं और फोटो को ज्यादा क्लियर बनाते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो मेगापिक्सल जरूरी है, लेकिन अच्छी फोटो के लिए सिर्फ ये नहीं, बल्कि सेंसर, लेंस और सॉफ्टवेयर का सही तालमेल सबसे ज्यादा अहम होता है।