
Bharat NCAP यानी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम 10 साल के लंबे इंतजार के बाद लॉन्च हो गया है। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गाड़ियों की सुरक्षा के लिए इस प्रोग्राम को लॉन्च किया है। इस प्रोग्राम के तहत भारत में बनने वाली गाड़ियों को सेफ्टी रेटिंग दिया जाएगा, जिसके आधार पर ग्राहक गाड़ी खरीदने से पहले यह तय कर सकेंगे कि वह कितनी सुरक्षित है। इस प्रोग्राम के तहत भारत में बनने वाली और बेचे जाने वाली कारों का क्रैश टेस्ट किया जाएगा, जिसके आधार पर उन्हें एक रेटिंग दी जाएगी। नितिन गडकरी ने राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान BCNAP यानी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम की घोषणा की है।
भारत कार क्रैश टेस्ट प्रोग्राम लॉन्च करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है। इसके लिए भारत सरकार ने ग्लोबल NCAP के साथ साझेदारी की है। इस न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के तहत कार क्रैश रेटिंग को 1 अक्टूबर 2023 से लागू किया जाएगा। दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने Bharat NCAP के लोगो और स्टीकर का अनावरण किया। इस प्रोग्राम के लॉन्च से पहले कार कंपनियों के 30 मॉडलों का क्रैश टेस्ट का रिक्वेस्ट मिल चुका है।
Driving Towards Safety: BHARAT NCAP Revolutionizes Vehicle Standards in India.#BharatNCAP pic.twitter.com/Y2zA9E3Hni
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 22, 2023
Bharat NCAP को लॉन्च करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि, इस समय देश में दो सबसे बड़ी समस्या है, एक है रोड एक्सीडेंट और दूसरा है वायु प्रदूषण। हर साल देश में 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें तकरीबन 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। हर दिन देश में करीब 1,100 रोड एक्सीडेंट के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें करीब 400 लोगों की मौत हो जाती है। देश में हर घंटे 47 दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें औसतन 18 लोगों की मौत हो रही है। सड़क दुर्घटना की वजह से होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत लोग 18 साल से 34 साल आयुवर्ग के होते हैं। इसकी वजह से देश की जीडीपी में 3.14 प्रतिशत का नुकसान देखने को मिला है।
भारत का न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम एक क्रैश टेस्ट इवैल्यूशन प्रोग्राम है, जिसमें वाहनों को क्रैश टेस्ट के आधार पर 0 से 5 के बीच रेटिंग दी जाएगी। कार बनाने वाली कंपनियां अपने वाहनों का क्रैश टेस्ट करने के बाद सरकार और ग्लोबल स्टैंडर्ड के तय मानकों के आधार पर रेटिंग देगी। यह प्रोग्राम M1 श्रैणी वाले वाहनों पर लागू होगा, जिसमें चालक की सीट के अलावा अधिकतम 8 सीटें होती हैं। कार कंपनियां अपने गाड़ियों की क्रैश टेस्टिंग करने के बाद उसकी रेटिंग देगी, जिसकी वजह से गाड़ी खरीदने वाले ग्राहकों को यह पता चल सकेगी की वह मॉडल कितनी सुरक्षित होगी?
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Harshit Harsh
Select Language