
Google मौजूदा समय में ऑनलाइन सिक्योरिटी को लेकर काफी गंभीरता दिखा रहा है। इसके लिए Google Authenticator में बड़े स्तर पर टू फैक्टर ऑथिटेंकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन लेटेस्ट अपडेट के बाद यूजर्स क्लाउड के साथ वनटाइम कोड शेयर कर सकेंगे। इसके बाद यूजर्स डिवाइस के साथ आसानी से डाटा शेयर कर सकेंगे। इससे यूजर्स के डाटा लीक होने की संभावना न के बराबर हो जाएगी।
पहले यूजर्स को किसी दूसरे डिवाइस में डाटा ट्रांसफर करने के लिए ये काम मैनुअली करना पड़ता था। ऐसे में यह प्रोसेस बोझिल और ज्यादा टाइम लेने वाला होता था। यह उन लोगों को बड़ा ही परेशानी वाला काम लगता था जो लगातार स्मार्टफोन बदलते रहते हैं या फिर कई बार यूजर्स के मोबाइल चोरी हो जाते हैं, तो फिर उन्हें इस प्रोसेस के गुजरना पड़ता है।
लेटेस्ट अपडेट के बाद यूजर्स क्लाउड में ऑथेंटिकेशन डाटा को स्टोर कर सकते हैं। इसके बाद किसी दूसरे डिवाइस में वन टाइम कोड्स की मदद से डाटा को एक्सेस किया जा सकता है। बशर्ते उस डिवाइस में गूगल ऑथेंटिकेशन ऐप का इंस्टॉल होना जरूरी है।
क्लाउड बेस्ड इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को Google Authenticator app में कुछ बदलाव करने होंगे। इसके लिए ऐप को ओपेन करें, उसके बाद Settings में जाना होगा। उसके बाद Backup to Google Account को चुनें। इसके बाद स्क्रीन पर नजर आने वाले इंस्ट्रक्शन को फॉलो करें। एक बार इनेबल होने के बाद वन टाइम कोड्स गूगल अकाउंट में मौजूद डाटा को सिक्योर कर सकेंगे।
स्मार्टफोन चोरी, खराब या गुम होने पर यूजर्स वन टाइम कोड की मदद से आसानी से डाटा को स्टोर कर सकेंगे। इसके लिए नए डिवाइस साइन इन करना होगा और Restore codes के लिए रिक्वेस्टिंग करनी होगी। वन टाइम कोड्स को गूगल ज्यादा सिक्योर और बेहतर बनाने की कोशिश करेगी।
Google Cloud पर यूजर्स अपने जरूरी डाटा को स्टोर कर सकते हैं, जिसमें फोटो, वीडियो टैक्स्ट फाइल और पीपीटी आदि शामिल हो सकते हैं। इसमें मोबाइल का भी जरूरी डाटा स्टोर कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर या फिर पुराने स्मार्टफोन के चोरी होने के बाद उसका डाटा दूसरे डिवाइस में रिस्टोर किया जा सकता है।
टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल की लेटेस्ट खबरों के लिए आप हमें व्हाट्सऐप चैनल, फेसबुक, यूट्यूब और X, पर फॉलो करें।Author Name | Rohit Kumar
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