Written By Ajay Verma
Published By: Ajay Verma | Published: Jun 18, 2023, 09:50 AM (IST)
दिग्गज टेक कंपनी Google ने आज बायोकेमिस्ट डॉ. कमला सोहोनी (Kamala Sohonie) के 112वें जन्मदिन के खास अवसर पर डूडल बनाया है। इस डूडल में कमला सोहनी के एनिमेटेड अवतार के साथ-साथ शोध में इस्तेमाल होने वाले माइक्रोस्कोप, स्लाइड व पेड़ों को देखा जा सकता है। बता दें कि कमला सोहनी देश की पहली महिला थी, जिन्होंने विज्ञान में पीएचडी हासिल की थी और वह पहली वैज्ञानिक बनी थी। और पढें: Perplexity.in खोलते ही Google Gemini क्यों खुल रहा है? जानिए वजह
डॉ. कमला सोहनी का जन्म 18 जून 1911 में इंदौर शहर में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों ही केमिस्ट थे। उन्होंने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए बॉम्बे विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान और भौतिकी की पढ़ाई की। सन 1933 में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। और पढें: Google Maps में आ गया Gemini, बेहतर नेविगेशन के साथ मिलेगा वॉइस कंट्रोल
ग्रेजुएशन करने के बाद डॉक्टर कमला सोहनी ने अपनी पूरी लगन के साथ प्रतिष्ठित विज्ञान संस्थान IISc में दाखिला लिया और वह ऐसा करने वाली देश की पहली महिला बनीं। यह महिला वर्ग के लिए बड़ी उपलब्धि थी। हालांकि, इस दौरान उन्हें कड़ी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था। इसके बाद संस्थान के निदेशक इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने आईआईएससी में महिलाओं को दाखिला देना शुरू कर दिया था। और पढें: Android यूजर्स के लिए खुशखबरी, Google Chrome में जल्द आने वाला है ये शानदार फीचर
अगले कुछ वर्षों में कमला सोहनी ने मास्टर की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद उन्हें सन 1937 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के लिए रिसर्च स्कॉलरशिप मिली। दिलचस्प बात है कि डॉक्टर सोहनी ने केवल 14 महीनों में एंजाइम साइटोक्रोम विषय पर थीसिस लिखी और पीएचडी की डिग्री हासिल की।
पीएचडी डिग्री लेने के बाद डॉ. सोहनी ने भारत आकर खाद्य पदार्थों के फायदों पर स्टडी की और नीरा नाम के पाम से बने एक किफायती आहार का विकास किया। इस अहार में विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद है, जो कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाता है। इसके लिए उन्हें देश के राष्ट्रपति से पुरुस्कार भी मिला था।
गूगल ने डॉ. कमला सोहनी से पहले मार्च में डॉ. मारियो मोलिना के 80वें जन्मदिन के अवसर पर एनिमेटेड डूडल बनाया था। डॉ. मारियो मोलिना मैक्सिकन कैमिस्ट थे और उन्होंने दुनिया को बताया कि ओजोन कैमिकल ने कैसे पृथ्वी की ओजोन परत को नुकसान पहुंचाया।
डॉ. मारियो का जन्म 19 मार्च 1943 को मैक्सिको में हुआ था। सन 1970 के दौरान उन्होंने अपनी रिसर्च में बताया कि कैसे सिंथेटिक कैमिकल पृथ्वी की ओजोन परतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था।