Published By: Mona Dixit | Published: May 04, 2023, 10:56 AM (IST)
Gmail अपने यूजर्स को स्कैम से बचाने के लिए एक नया फीचर लेकर आया है। कंपनी की नई सुविधा ईमेल भेजने वालों की पहचान वेरीफाई करने के लिए मैसेज आईडेंटिफिकेशन (BIMI) टेक्नोलॉजी के लिए ब्रांड इंडिकेटर का यूज करता है। इसकी मदद से अब यूजर्स को फेक और सही ईमेल को पहचानने में मदद मिलेगी। वेरिफाइड सेंडर से ईमेल मिलने पर इनबॉक्स में कंपनी के नाम के आगे एक ब्लू चेकमार्क दिखाई देगा। यह ट्विटर ब्लू सर्विस की तरह ही लग रहा है। जिस तरह ब्लू टिक वाले अकाउंट वेरिफाईड होते हैं। उसी प्रकार अब जीमेल अकाउंट के लिए भी ब्लू टिक मिलेगा। आइये, पूरी जानकारी नीचे पढ़ते हैं। और पढें: Gmail का Inbox भर गया पूरा? मिनटों में ऐसे करें खाली
Google ने साल 2021 में BIMI को Gmail में पेश किया था। इससे लोकप्रिय और बड़े ब्रांडों को अपने ईमेल में ऑथेंटिकेटेड लोगो जोड़ने की सुविधा मिली थी। अब रियल ब्रांड की पहचान करने के लिए ब्लू चेकमार्क भी एक अहम भूमिका निभाएगा। और पढें: गलत ईमेल भेज दिया? ये बटन दबाते ही मैसेज आ जाएगा वापस, Gmail की ट्रिक का करें इस्तेमाल
आजकल ईमेल के जरिए कई लोग धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। इस कराण अपने यूजर्स को ईमेल स्कैम से बचाने के लिए गूगल यह सुविधा रोल आउट कर रहा है। और पढें: Google Chat से लेकर Gmail तक में आया Deep Research फीचर, यूजर्स का काम बनाएगा आसान
Google की योजना जीमेल में अतिरिक्त अपडेट के साथ यूजर सिक्योरिटी और एक्पीरियंस को प्राथमिकता देना है। उम्मीद है कि BIMI प्रोग्राम को बेहतर स्पैम फिल्टरिंग, प्राइवेसी फीचर को बेहतर बनाने और अन्य Google सर्विस के साथ इंटीग्रेट करने के लिए एक्सपेंड किया जा रहा है।
गूगल के ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, ब्लू चेकमार्क फीचर इस हफ्ते के अंत तक सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध हो जाएगा। फीचर का लाभ उठाने के लिए वर्कस्पेस एडमिन अपनी कंपनी के लिए BIMI का सेटअप कर सकते हैं। कंपनी ने इस नई सुविधा को 3 मई, 2023 से रोल आउट करना शुरू कर दिया है।
स्ट्रॉंग ईमेल ऑथेंटिकेशन यूजर्स और ईमेल सेफ्टी सिस्टम को स्पैम की पहचान करने और रोकने में मदद करता है। ब्लू चेकमार्क ब्रांड पर लोगों का विश्वास बढ़ाने, फिशिंग और अन्य ईमेल घोटालों को रोकने का एक शानदार तरीका है।
इसके अलावा, Gmail में पहले से भी कई स्ट्रॉंग स्पैम फिल्टरिंग सुविधाएं हैं। Google स्पैम मैसेज को बेहतर ढंग से पहचानने और फिल्टर करने के लिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज करके सिस्टम को और बेहतर बनाने पर विचार कर सकता है।
गूगल के इस फीचर से लोगों को फर्जी और रियल ईमेल को पहचानने में बहुत मदद मिलेगी।