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TRAI का नया नियम: इंश्योरेंस कंपनियों की कॉल अब इस नंबर से ही आएंगी

TRAI ने ग्राहकों को फर्जी कॉल और धोखाधड़ी से बचाने के लिए नया नियम बनाया है। अब इंश्योरेंस कंपनियां केवल ‘1600’ सीरीज नंबर से ही जरूरी कॉल करेंगी। इससे लोगों को असली और नकली कॉल पहचानने में आसानी होगी।

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Dec 18, 2025, 09:33 AM (IST)

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टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। नए नियम के तहत अब सभी इंश्योरेंस कंपनियों को अपने ग्राहकों को सर्विस और ट्रांजैक्शन से जुड़ी कॉल सिर्फ ‘1600’ सीरीज के फोन नंबर से ही करनी होंगी। यह नियम इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के तहत आने वाली सभी कंपनियों पर लागू होगा। TRAI ने साफ किया है कि इस नियम को 15 फरवरी 2026 तक लागू करना अनिवार्य होगा। इस कदम का मकसद ग्राहकों को फर्जी कॉल, स्पैम और धोखाधड़ी से बचाना है, ताकि लोग असली और नकली कॉल के बीच आसानी से फर्क कर सकें।

‘1600’ सीरीज नंबर को अपनाने की समय-सीमा और नियम क्या हैं?

TRAI के अनुसार, 16 दिसंबर 2025 को इस संबंध में आधिकारिक निर्देश जारी किया गया था। इस निर्देश में कहा गया कि IRDAI द्वारा नियंत्रित सभी संस्थाओं को तय समय सीमा के भीतर अपने मौजूदा 10 अंकों वाले नंबरों से हटकर ‘1600’ सीरीज को अपनाना होगा। TRAI ने यह भी बताया कि इससे पहले इसी तरह के नियम RBI, SEBI और PFRDA के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं के लिए भी लागू किए जा चुके हैं। इन प्रयासों के तहत Department of Telecommunications (DoT) ने बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर के साथ-साथ सरकारी संस्थानों के लिए ‘1600’ नंबर सीरीज को खासतौर पर आरक्षित किया है।

‘1600’ नंबर से कॉल आने से ग्राहकों को क्या फायदे होंगे?

इस फैसले के पीछे TRAI का तर्क है कि जब ग्राहकों को किसी खास सीरीज से कॉल आएगी, तो वे तुरंत समझ पाएंगे कि कॉल किसी भरोसेमंद और Authorized Institution से है। इससे जरूरी सर्विस कॉल और सामान्य प्रमोशनल या स्पैम कॉल के बीच साफ अंतर होगा। TRAI ने बताया कि वह लगातार टेलीकॉम कंपनियों और वित्तीय नियामकों के साथ मिलकर इस व्यवस्था को लागू करने पर काम कर रहा है। अब तक करीब 570 संस्थाएं इस ‘1600’ सीरीज को अपना चुकी हैं और 3000 से ज्यादा नंबर पहले ही जारी किए जा चुके हैं, जो इस पहल की सफलता को दिखाता है।

क्या यह नया सिस्टम फर्जी कॉल और वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक लगाएगा?

स्टेकहोल्डर्स से चर्चा के बाद TRAI ने तय किया कि अब इस प्रक्रिया के लिए एक अंतिम समय सीमा तय करना जरूरी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जो कंपनियां अब भी सामान्य 10 अंकों वाले नंबरों से ट्रांजैक्शन कॉल कर रही हैं, वे समय रहते नई व्यवस्था में आ जाएं। इससे ठगों द्वारा खुद को बैंक या इंश्योरेंस कंपनी बताकर लोगों को ठगने के मामलों में कमी आने की उम्मीद है। TRAI का कहना है कि ‘1600’ सीरीज को तय समय में और व्यवस्थित तरीके से अपनाने से यूजर्स सुरक्षा मजबूत होगी और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगाने में बड़ी मदद मिलेगी।