Published By: Harshit Harsh | Published: May 01, 2023, 05:24 PM (IST)
Google I/O 2023 में गूगल अपने अपकमिंग मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम Android 14 पेश करेगा। अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी इस अपकमिंग मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को टेस्ट कर रही है। इसे पेश करने के बाद पब्लिक बीटा रिलीज किया जाएगा, जिसकी टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसका स्टेबल वर्जन रोल आउट किया जाएगा। पिछले कुछ समय से Android 14 के फीचर्स के बारे में जानकारियां लीक हुई हैं। इस ऑपरेटिंग सिस्टम से जुड़ी एक और जानकारी लीक हुए है। Android 14 में ऐसा फीचर आ रहा है, जिसका यूजर्स लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। यह फीचर यूजर को ऐप के इंटरफेस को अपने हिसाब से कस्टमाइज करने का ऑप्शन देगा। और पढें: Oppo के इन स्मार्टफोन को मिलेगा Android 14
Google ने Android 12 से यूजर इंटरफेस (UI) की डिजाइन लैंग्वेज में बदलाव नहीं किया है। ऐसे में एंड्रॉइड के नए और पुराने वर्जन के बैकग्राउंड में मामूली अंतर लगता है, लेकिन Android 14 में यूजर्स को फ्रेश एक्सपीरियंस मिलने वाला है। 9to5Google की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल की मटीरियल डिजाइन टीम एक नए थीम स्टाइल ‘Fidelity’ पर काम कर रही है। इस नए थीम में यूजर्स को पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम के मुकाबले बोल्ड कलर और इंटरफेस मिलेगा। और पढें: Samsung के इन फोन को मिलेगा Android 14 अपडेट, देखें लिस्ट
पिछले कुछ एंड्रॉइड वर्जन में यूजर इंटरफेस का कलर स्कीम थीम वॉलपेपर से मिलता है। इसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम में प्राइमरी कलर को पेस्टल कलर में कन्वर्ट किया जाता है। गूगल का यह नया फिडिलिटी थीम यूजर्स को बेहतर और वाइब्रेंट कलर पैलेट उपलब्ध कराएगा, जिसकी वजह से यूजर इंटरफेस ज्यादा सुंदर दिखेगा। हालांकि, फिलहाल यह कलर स्कीम Android 14 के बीटा वर्जन में नहीं है लेकिन इसे गूगल के ओपन-सोर्स कोड में देखा गया है।
Google के अपकमिंग Android 14 के पब्लिक बीटा वर्जन में इसे उपलब्ध कराया जाएगा या नहीं यह अभी साफ नहीं है। गूगल का यह ऑपरेटिंग सिस्टम 10 मई को आयोजित होने वाले Google I/O 2023 में पेश किया जा सकता है। इसके अलावा अपकमिंग Android 14 में नया स्लाइडर फीचर भी जोड़ा जाएगा। इस फीचर के जरिए यूजर्स अपने फोन के नोटिफिकेशन्स की वॉल्यू को कंट्रोल कर पाएंगे। यही नहीं, अपकमिंग एंड्रॉइज वर्जन के सिक्योरिटी फीचर को भी इंप्रूव किया जाएगा, जिसकी वजह से यूजर डेटा प्राइवेसी और सुरक्षित होगा। साथ ही, यूजर अपने शेयर किए जाने वाले डेटा को खुद से कंट्रोल कर सकेंगे।