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Apple ने एक खास AI टेक्नोलॉजी की पेश, सिर्फ एक फोटो से बन जाएगा असली जैसा 3D सीन

Apple ने एक नई और खास AI टेक्नोलॉजी पेश की है, जो सिर्फ एक साधारण फोटो को कुछ ही सेकंड में असली जैसे 3D सीन में बदल देती है। यह टेक्नोलॉजी भविष्य में मोबाइल कैमरा, AR और VR अनुभव को पूरी तरह बदल सकती है। आइए जानते हैं...

Published By: Ashutosh Ojha | Published: Dec 20, 2025, 09:38 AM (IST)

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Apple ने चुपचाप एक बेहद एडवांस AI टेक्नोलॉजी पेश की है, जिसका नाम SHARP है। यह AI सिर्फ एक 2D फोटो को कुछ ही सेकंड में फोटोरियलिस्टिक 3D सीन में बदल सकती है। SHARP का पूरा नाम Sharp Monocular View Synthesis in Less Than a Second है, Apple ने इस टेक्नोलॉजी पर रिसर्च पेपर भी जारी किया है और सबसे खास बात यह है कि इसे open-source कर दिया गया है यानी कोई भी डेवलपर या रिसर्चर इसका इस्तेमाल कर सकता है। यह टेक्नोलॉजी Apple की कंप्यूटर विजन और AI में बढ़ती ताकत को दिखाती है, जो iPhone कैमरा, AR (Augmented Reality) और VR (Virtual Reality) जैसी टेक्नोलॉजी का आधार है।

सिर्फ एक फोटो से असली जैसा 3D नजारा SHARP कैसे दिखाता है?

SHARP की मदद से एक साधारण फोटो को अलग-अलग एंगल से देखा जा सकता है जैसे आप खुद उस जगह पर खड़े हों। यह सिर्फ फोटो में आर्टिफिशियल डेप्थ नहीं जोड़ता, बल्कि असल में उसका 3D स्ट्रक्चर बनाता है। जब आप वर्चुअल कैमरा को थोड़ा इधर-उधर करते हैं तो बैकग्राउंड और ऑब्जेक्ट्स वैसे ही हिलते हैं जैसे असल जिंदगी में होता है आमतौर पर 3D सीन बनाने के लिए कई फोटो चाहिए होती हैं, लेकिन SHARP यह सब सिर्फ एक फोटो से कर देता है, वो भी एक सेकंड से भी कम समय में।

SHARP इतनी तेजी से 3D सीन कैसे तैयार करता है?

Apple के रिसर्चर्स के मुताबिक, SHARP फोटो को एनालाइज करके लाखों छोटे-छोटे डेटा पॉइंट्स बनाता है, जिन्हें Gaussians कहा जाता है। ये पॉइंट्स कलर्स, लाइट्स और गहराई को दिखाते हैं। जब ये सभी पॉइंट्स एक साथ रेंडर होते हैं तो एक स्मूद और रियल 3D सीन तैयार होता है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि SHARP को घंटों की प्रोसेसिंग या महंगे हार्डवेयर की जरूरत नहीं पड़ती। एक सामान्य GPU पर भी यह तेजी से काम कर लेता है, जो इसे पुरानी 3D टेक्नोलॉजी से अलग बनाता है।

SHARP की लिमिटेशन क्या हैं?

हालांकि SHARP की कुछ लिमिटेशन भी हैं। यह पूरी तरह घूमने-फिरने वाले 3D वर्ल्ड नहीं बनाता और न ही फोटो में मौजूद न होने वाली चीजें खुद से जोड़ता है। यह सिर्फ पास-पास के व्यू एंगल बदलने पर फोकस करता है ताकि रियलिज्म बना रहे, न कि नकली डिटेल्स जोड़ी जाएं। यह टेक्नोलॉजी भविष्य में AR-VR, स्पेशियल फोटो, 3D इमेजिंग और विजुअल इफेक्ट्स को और बेहतर बना सकती है। Apple का इसे open-source करना भी बड़ा कदम है क्योंकि इससे दुनियाभर के डेवलपर्स इस टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ा सकेंगे। साफ है कि SHARP आने वाले समय में 3D फोटोग्राफी और इमर्सिव एक्सपीरियंस की दुनिया बदल सकता है।