Edited By: Harshit Harsh | Published By: Harshit Harsh | Published: Jun 28, 2023, 04:17 PM (IST)
ChatGPT पिछले कुछ महीने से चर्चा में बना हुआ है। OpenAI के इस आर्टफिशियल इंटेलिजेंस टूल ने बड़ी-बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को AI चैटबॉट डेवलप करने के लिए मजबूर कर दिया। अब दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी NASA भी ChatGPT जैसे AI टूल डेवलप कर रही है, जिसके जरिए एस्ट्रॉनॉट्स से अंतरिक्ष में कम्युनिकेशन किया जा सकेगा। हालांकि, स्पेस एजेंसी की तरफ से इसके बारे में आधाकारिक जानकारी शेयर नहीं की गई है। और पढें: Elon Musk और Jeff Bezos के साथ मिलकर NASA बना रहा है अनोखी टेक्नोलॉजी, अब अंतरिक्ष में रॉकेट उड़ते-उड़ते भरवाएंगे Fuel?
अमेरिकी अखबार The Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, NASA का यह AI टूल अंतरिक्ष यात्रियों को नेचुरल डायलॉग्स के जरिए कम्युनिकेट करेगा और लंबे और जटिल इंस्ट्रक्शन्स को आसान बनाएगा। नासा का यह आर्टिफिशियल AI चैटबॉट किसी साइंस-फिक्शन मूवीज और कहानियों की तरह होगा। यह कम्युनिकेशन के क्षेत्र में एक नया डेवलपमेंट होगा, जिसमें स्पेसक्राफ्ट और पॉयलट के साथ सीधे यह चैटबॉट संपर्क साध सकेगा। और पढें: नासा ने दीं टिप्स, फोन से सूर्यग्रहण की ऐसे क्लिक करें जबरदस्त फोटो
एक ब्रिटिश यूनिवर्सिटी प्रोफेसर Dr. Larissa Suzuki ने लंदन में आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर्स (IEEE) में कहा कि हम वहां पहुंच गए हैं जहां स्पेस वीकल यानी स्पेसक्राफ्ट को भी कनवर्सनल इंटरैक्शन फीचर देने की जरूरत है ताकि हमें वो अलर्ट्स और महत्वपूर्ण फाइंडिंग्स भेज सके।
डॉ सुजुकी ने आगे बताया कि इस तरह के कम्युनिकेशन फीचर से स्पेसक्राफ्ट के अंतरिक्ष में खो जाने पर संपर्क किया जा सकेगा क्योंकि स्पेसक्राफ्ट के ऑफलाइन जाने पर हर बार इंजीनियर्स को अंतरिक्ष में नहीं भेजा जा सकता है। नासा इस टेक्नोलॉजी को लूनर गेटवे में इंस्टॉल करने की तैयारी में है। यह प्रोजेक्टेड स्पेस स्टेशन चांद के चारों ओर चक्कर लगाएगा।
AI Chatbot एक सॉफ्टवेयर टूल है, जो इंसानों की तरह पूछे गए सवालों के जबाब दे सकता है। इसमें सभी जानकारियां फीड की जाती है, जिसके आधार पर यह टूल पूछे गए सवालों का उत्तर देता है। ChatGPT और Google Bard AI के आने के बाद से कम्युनिकेशन के क्षेत्र में नई क्रांति आई है। इन चैटबॉट्स का इस्तेमाल हर क्षेत्र में किए जाने की तैयारी की जा रही है। स्कूल के असाइनमेंट्स और प्रोजेक्ट बनाने से लेकर कॉन्टेंट राइटिंग और प्रोग्राम लिखने तक में इस टूल का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, अभी भी यह एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शुरुआती दौर है। आने वाले कुछ सालों में इसके और बेहतर फॉर्म को देखा जा सकता है।