
Chandrayaan 3 का विक्रम लैंडर आज शाम 6:04 बजे इतिहास रचने वाला है। ISRO के मून मिशन का यह अहम पड़ाव विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के साथ पूरा होगा। भारतीय स्पेस एजेंसी चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास अपने लैंडर को उतार कर इतिहास रच देगा। चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में मौजूद प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर उतरकर वहां के वातावरण, सतह पर मौजूद खनिज आदि का अध्ययन करेगा। प्रज्ञान रोवर का वजन महन 26 किलोग्राम है और इसमें लगे मोटर की पावर जेनरेशन क्षमता घरों में इस्तेमाल होने वाले पंप से भी कम है।
ISRO इस बार चंद्रयान-2 की गलतियों को नहीं दोहराएगा। इसके लिए इसके लैंडर को AI बेस्ड कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के साथ ट्रेन किया है, जो सेल्फ लैंडिंग करने में सक्षम है। इसरो ने मिशन शुरू होने से पहले इसकी गहन टेस्टिंग की है। आइए जनते हैं चांद की सतह की अध्ययन करने वाले प्रज्ञान रोवर के बारे में…
Chandrayaan-3 Mission:
All set to initiate the Automatic Landing Sequence (ALS).
Awaiting the arrival of Lander Module (LM) at the designated point, around 17:44 Hrs. IST.Upon receiving the ALS command, the LM activates the throttleable engines for powered descent.
The… pic.twitter.com/x59DskcKUV— ISRO (@isro) August 23, 2023
चंद्रयान 3 में पावर जेनरेशन के लिए तीन मॉड्यूल लगे हैं, जिनमें प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर मॉड्यूल शामिल हैं। चंद्रयान 3 के प्रपल्शन मॉड्यूल का पावर जेनरेशन 758W (758 वॉट) का है। वहीं, इसके लैंडर मॉड्यूल की पावर जेनरेशन क्षमता 738W है। ये दोनों मॉड्यूल हाई पावर जेनरेशन कैपेसिटी के साथ चंद्रयान-3 में फिट किए गए हैं। विक्रम लैंडर में मौजूद प्रज्ञान रोवर की पावर जेनरेशन क्षमता 50W है, जो घर में इस्तेमाल होने वाले वाटर पंप से काफी कम है। आम तौर पर घरों में इस्तेमाल होने वाले वाटर पंप की पावर जेनरेशन क्षमता 250W से 1,500W तक की होती है। हालांकि, प्रज्ञान रोवर की पावर जेनरेशन क्षमता कम होने के बावजूद भी यह चांद की सतह पर उतरकर बड़े काम करने वाला है।
ISRO के मुताबिक, चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर में दो पेलोड्स- LASER इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) और अल्फा पार्टिकल X-Ray स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) लगे हैं। ये दोनों पेलोड्स चांद की सतह और वातावरण की जांच करेंगे। इसके LIBS पेलोड का काम चांद की सतह पर मौजूद एलिमेंट्स का क्लालिटेटिव और क्वांटिटेटिव एनालिसिस करना है। साथ ही, वहां मौजूद कैमिकल कम्पोजिशन और इंफर मिनिरलोजिकल कंपोजिशन का पता लगाना है। वहीं, APXS पेलोड का काम चांद की सतह पर एलिमेंटल कम्पोजिशन जैसे कि Mg (मैग्नेशियम), Al (एल्युमानियम), Si (सिलिकॉन), K (पोटाशियम), Ca (कैल्सियम), Ti (टाइटैनियम), Fe (लोहा) और विक्रम की लैंडिंग साइट के पास मौजूद पत्थरों का अध्ययन करना है।
Author Name | Harshit Harsh
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