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Aditya L1 Mission: आदित्य एल-1 ने सूरज की तरफ बढ़ाया तीसरा अहम कदम, ISRO ने दी जानकारी

Aditya L1 Mission को लेकर ISRO ने लेटेस्ट अपडेट जारी किया है। साथ ही इसरो ने जानकारी दी है कि आने वाली 15 सितंबर की तारीख इस मिशन के लिए काफी खास होने वाली है। यहां जानें सभी डिटेल।

Published By: Manisha | Published: Sep 10, 2023, 10:09 AM (IST)

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Highlights

  • Aditya L1 Mission ने पृथ्वी की कक्षा का तीसरा चक्कर पूरा किया
  • ISRO ने X पोस्ट के जरिए दी जानकारी
  • 15 सितंबर को है इस मिशन का अहम दिन
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Aditya L1 Mission: आदित्य एल-1 भारत का पहला सोलर मिशन है, जो कि सूरज का अध्ययन करेगा। इस मिशन को भारत ने 2 सितंबर 2023 को लॉन्च किया था, जो कि अब अपनी मंजिल की ओर बढ़ता जा रहा है। आदित्य एल-1 ने अपने सफर का तीसरा कदम पूरा कर लिया है। यह जानकारी खुद Indian Space Research Organisation (ISRO) ने अपने X (Twitter) प्लेटफॉर्म के जरिए दी है। news और पढें: Aditya L1 का कमाल, भेजी सूर्य की रंग बिरंगी तस्वीरें

ISRO ने आज 10 सितंबर देर सुबह 2.30 बजे X (Twitter) पर लेटेस्ट पोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि Aditya L1 ने पृथ्वी की कक्षा का तीसरा चक्कर पूरा कर लिया है। इसकी जानकारी मॉरीशस, बेंगलुरु, SDSC-SHAR और पोर्ट ब्लेयर में स्थित इसरो के ग्राउंड स्टेशन द्वारा मिली, जिन्होंने सैटेलाइट को रात को ट्रैक किया। news और पढें: Aditya-L1 के सामने बड़ा खतरा! NASA ने दी भयंकर सौर तूफान की चेतावनी

अब इस कड़ी में आदित्य एल-1 को अगला डेस्टिनेशन पृथ्वी की चौथी कक्षा Maneuvre (EBN#4) होगी। इसरो ने जानकारी दी है कि 15 सितंबर दोपहर 2 बजे आदित्य एल-1 को चौथी कक्षा में भेजा जाएगा।

Aditya L1 ने अंतरिक्ष से भेजी खूबसूरत सेल्फी

हाल ही में ISRO ने अपने ऑफिशियल हैंडल पर एक वीडियो शेयर की थी। इस वीडियो में आदित्य एल-1 द्वारा अंतरिक्ष से भेजी गई कुछ तस्वीरें शामिल थी, जिसमें से एक आदित्य एल-1 की सेल्फी भी मौजूद थी। इसके अलावा, दूसरी तस्वीर में पृथ्वी और चांद की खूबसूरत तस्वीर देखने को मिली थी, जिसमें पृथ्वी के सामने चांद एक तारे की तरह दिखाई दे रहा ता।

आपको बता दें, भारत ने 2 सितंबर 2023 को Aditya L1 मिशन लॉन्च किया था। यह भारत का पहला सौर मिशन है, जो कि सूरज का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया गया है। चंद्रयान-3 की तरह इसे सूरज की सतह पर सॉफ्ट लैंड नहीं किया जाएगा, बल्कि यह पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर मौजूद L-1 लाग्रेंज प्वाइंट (Lagrange point) पर रहकर सूरज की सभी गतिविधियों को ट्रैक करेगा और डेटा धरती पर भेजेगा।