
TikTok को भारत में बैन हुए करीब 3 साल गुजर गया है, लेकिन इसकी पैरेंट कंपनी Bytedance के पास अभी भी भारतीय यूजर्स के डेटा का एक्सेस है। चीनी सोशल मीडिया और शॉर्ट वीडियो क्रिएटिंग प्लेटफॉर्म TikTok को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। जून 2020 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर टिक-टॉक समेत कई चीनी ऐप्स को बैन किया था। इसके बाद अमेरिका, कनाडा समेत कई और देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की वजह से सरकारी कर्मचारियों को इस ऐप के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है।
Fobes की नई रिपोर्ट के मुताबिक, टिक-टॉक की बीजिंग स्थित पैरेंट कंपनी Bytedance के पास अभी भी कई भारतीय यूजर्स का निजी डेटा स्टोर है। फोर्ब्स ने स्टेटमेंट जारी करके बताया कि हमें नहीं पता है कि भारत को इस बात की जानकारी है या नहीं कि उनके नागरिकों के निजी डेटा को चीन में मिसयूज किया जा रहा है। फोर्ब्स ने TikTok के एक मौजूदा कर्मचारी के हवाले से यह स्टेटमेंट जारी किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, टिक-टॉक कर्मचारी ने बताया कि कंपनी जब चाहे भारतीय यूजर्स का डेटा रिट्रीव कर लेती हैं। उसके पास ऐसे टूल्स हैं, जो उन भारतीय यूजर्स का डेटा रिट्रीव कर सकता है, जिन्होंने इस ऐप को अपने मोबाइल फोन में इंस्टॉल किए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन भारतीय यूजर्स का डेटा तब से एक्सेस कर रहा है, जब से इस ऐप को भारत में बैन किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सोशल मीडिया ऐप के पास एक सोशल मैपिंग टूल है, जो किसी भी पब्लिक या प्राइवेट यूजर के निजी डेटा को रिट्रीव कर सकता है। इसके लिए कंपनी एक यूनिक आइडेंटिफायर टूल का इस्तेमाल करता है और यूजर्स के यूजरनेम के साथ-साथ उसके क्लोज फ्रेंड्स की भी जानकारी निकाल लेता है। यही नहीं, यूजर किस रीजन में रहता है, उसके फोन के कॉन्टैक्ट्स समेत कई निजी जानकारियां एक्सेस किया जा सकता है। इसके अलावा यूजर के सर्च बिहेवियर का भी पता लगाया जा सकता है।
बता दें कि बैन होने से पहले TikTok के भारत में 150 मिलियन यानी 15 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स थे। रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अगर भारतीय यूजर्स का यह निजी डेटा किसी साइबर अपराधी या हैकर्स ग्रुप के पास चला जाएगा, तो उसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। यही नहीं, चीन इस डेटा का इस्तेमाल करके लोगों के बीच फूट डालने का भी काम कर सकता है। भारतीय यूजर्स के निजी डेटा को कंपनी बेच भी सकती है।
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